राजस्थान की दो बड़े विधानसभा क्षेत्रों से मुझे प्रतिनिधित्व का मौका मिला। उन्होंने कहा कि इन 33 सालों में मैंने मेरी क्षमता के अनुसार जनता की सेवा की। भाजपा ने झोटवाड़ा से निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले राजपाल सिंह शेखावत को मनाने की जिम्मेदारी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को सौंपी है। राजपाल को वसंधरा राजे के सबसे करीबी नेताओं में गिना जाता है। भाजपा ने इस सीट पर राजपाल सिंह की बजाय जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को प्रत्याशी बनाया है। इससे नाराज होकर राजपाल ने बगावत कर दी और नामांकन भर दिया।
‘गजेंद्र सिंह शेखावत में हिम्मत थी तो सीएम गहलोत के सामने चुनाव लड़ते’
शेखावत यहां से 2008 और 2013 में विधायक चुने गए थे और 2018 में कांग्रेस के लालचंद कटारिया से हार गए थे। पिछली वसुंधरा सरकार में शेखावत के पास यूडीएच जैसा बड़ा महकमा भी था। भाजपा बागियों को मनाने में जुटी है। रूठों को मनाने के लिए भाजपा संगठन और सत्ता में भागीदारी का आश्वासन दे रही है। सरकार आने पर किसी भी बोर्ड, आयोग या निगम में रूठे नेताओं को पद देने की बात कही जा रही है। कई जगहों पर राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से भी फोन पर बात कराई जा रही है।