उन्होंने कहा कि परीक्षा के नियमानुसार साक्षात्कार के लिए सदस्यों व बोर्ड का रेंडमली चयन होता है। आरपीएससी का चेयरमैन अध्यक्ष होता है। क्षोत्रिय ने कहा कि आरपीएससी ने परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आने पर 50 से अधिक मामले दर्ज करवाए हैं। एसआइ पेपर लीक मामला मेरे कार्यकाल से पहले का था।
बोर्ड में ये होते हैं सदस्य
- आरपीएससी का चेयरमैन या सदस्य अध्यक्ष
- एक डीआइजी व एक आइजी या इससे उच्च स्तर के दो पुलिस अफसर
- एक मनोवैज्ञानिक
संजय क्षत्रिय से बातचीत के अंश…
Q. साक्षात्कार में पुलिस अफसर किस आधार पर बैठते हैं? किसने किस अभ्यर्थी को कितने नंबर दिए ?
जवाब- पुलिस अफसर तो रेंडमली सलेक्शन से बैठते हैं। बोर्ड में कौन- कौन बैठा… यह सब गोपनीय है। आरपीएससी ने परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आने पर 50 से अधिक मामले दर्ज करवाए हैं। एसआइ पेपर लीक का मामला मेरे कार्यकाल से पहले का था। आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा वाला केस एसओजी में मैंने ही दिलवाया था। कोई कुछ भी कहे … एसओजी या फिर कोई अन्य एजेंसी जांच करे…..जांच में सब खुलासा हो जाएगा।
Q. आपके आरपीएससी चेयरमैन रहने के दौरान साक्षात्कार में गड़बड़ी होने के आरोप हैं? जवाब: मैं आपसे कुछ कहूंगा तो लोग यह समझेंगे सफाई दे रहा है। Q. स्पष्ट बताएं? जवाब : गड़बड़ी मिलने पर जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसओजी को कहा एसओजी ने जांच के बाद उनको गिरफ्तार भी किया। अब वो लोग आरोप लगाएं तो उसका क्या, एसओजी जांच में ऐसी कोई पुष्टि हो रही है तो बताओ। अन्य कोई एजेंसी भी जांच कर ले। एसआइ के अलावा अन्य परीक्षाएं करवाई, जिनमें कोई आरोप नहीं लगे।
Q. रामूराम राइका के बेटे का साक्षात्कार आपके नेतृत्व वाले बोर्ड ने लिया था? जवाब : साक्षात्कार देने आने वाले अभ्यर्थियों का भी कोड वर्ड से चयन होता है और कौन सा अभ्यर्थी किस बोर्ड को साक्षात्कार देगा। रामूराम राइका सेवानिवृत्त सदस्य था और मुझे उससे कोई मतलब नहीं था। मिलीभगत करता तो मनपसंद के बोर्ड में साक्षात्कार के लिए भिजवा देता। उसके बेटे के साक्षात्कार में 50 में से ऐसे कोई खास नंबर भी नहीं आए। आरपीएससी में पहले भी और आज भी ऐसी व्यवस्था है कि अभ्यर्थी का पता नहीं चलता कि वह किसके पास साक्षात्कार के लिए जाएगा।