हाल ही आरटीओ
जयपुर के उड़नदस्ते की ओर से बिना पीयूसी सर्टिफिकेट सीएनजी वाहन पर कार्रवाई की गई हैं। सामने आया कि वाहन चालकों को इसकी जानकारी नहीं थी। ऐसे में पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होने पर दो हजार का चालान किया गया है। इधर, दूसरी ओर जानकारी के अभाव में परिवहन और पुलिस की ओर से भी इन वाहनों की पीयूसी जांच नहीं की जा रही है।
10 फीसदी वाहन ही कराते जांच
जयपुर शहर में करीब 40 हजार से अधिक सीएनजी वाहन संचालित हो रहे हैं, लेकिन महीने में 10 फीसदी वाहनों में ही पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाए जा रहे हैं। दरअसल, जयपुर में 15 साल पुराने कॉमर्शियल डीजल वाहनों पर रोक लगा दी गई है। प्रदूषण को देखते हुए सीएनजी और इलेक्टि्क वाहनों को प्रमोट किया जा रहा है। गैर परिवहन से लेकर परिवहन के सीएनजी वाहन संचालित हो रहे हैं।
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत पेट्रोल, डीजल सहित सीएनजी, एलएनजी और एलपीजी वाहनों में भी पीयूसी सर्टिफिकेट जरूरी है। ऐसे वाहन का चालान भी किया है। वाहन चालकों को इसकी जानकारी नहीं होती। प्रदूषण जांच केन्द्र पर जाकर सर्टिफिकेट लेना चाहिए। दो हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है।- यशपाल शर्मा, परिवहन निरीक्षक जयपुर