दरअसल, सत्ता पक्ष के विधायकों ने कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार पर सनातन धर्म का अपमान करने का आरोप लगाते हुए माफी मांगने और आसन से कार्यवाही की मांग की थी। हालांकि
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस विधायक को चेतावनी देते हुए उनकी टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया। सदन में गुरुवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की कार्यवाही समाप्त होने के बाद मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने श्रवण कुमार की संतों को लेकर की गई टिप्पणी का मामला उठाया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक ने साधु संतों पर अमर्यादित टिप्पणी की है जो बहुत गंभीर और अपमानजनक है। मैं अपने विधायक दल की तरफ से इस पर आपत्ति दर्ज कराता हूं और इसकी निंदा करता हूं। आसन से भी गुजारिश करता हूं कि कांग्रेस विधायक के खिलाफ कार्रवाई की जाए और माफी मंगवाई जाए। इस पर वरिष्ठ कांग्रेस विधायक राजेंद्र पारीक ने कहा कि सदन में कई बार उत्तेजना हो जाती है, अगर आपको लगता है की टिप्पणी असंसदीय है तो उसे कार्यवाही से हटाने का अधिकार स्पीकर को है, लेकिन सदस्य पर कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
बगैर माफी सदन में नहीं रह सकता सदस्य
बाबा बालक नाथ ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा देश को बांटने का काम किया है। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि साधु-संतों को लेकर कांग्रेस विधायक की टिप्पणी आपत्तिजनक है। सदस्य माफी मांगे बगैर सदन में नहीं रह सकता है, अगर माफी नहीं मांगते तो निलंबन के अलावा कोई विकल्प नहीं है। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। इस पर भाजपा के विधायक कहने लगे कि माफी से कम मंजूर नहीं है ।हंगामा के बीच ही स्पीकर देवनानी ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
माफी नहीं मांगी तो घर से नहीं निकलने दूंगा
सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो सहकारिता विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा होने लगी। चर्चा के लिए सभापति ने जैसे ही श्रवण कुमार का नाम पुकारा तो सत्तापक्ष के विधायक बोले जब तक माफी नहीं मानेंगे तब तक उन्हें बोलने नहीं देंगे। बालकनाथ ने कहा कि ये बताएं कि कल जो उन्होंने बोला था उस बात पर कायम हैं या अपने बयान पर खेद प्रकट करते हैं। आपके क्षेत्र से लेकर घर तक इतने साधु संत इकट्ठे कर दूंगा कि घर से बाहर तक नहीं निकल पाओगे। धमकियों से डरने वाला नहीं: कांग्रेसी विधायक
इस पर श्रवण कुमार ने कहा कि इस तरह की धमकियों से डरने वाला नहीं हूं। मैं अध्यक्ष की व्यवस्था को मानता हूं। इसके बाद विधायक बालकनाथ, प्रताप पुरी और बालमुकुंदाचार्य वेल में आ गए। हंगामा बढ़ता देख सभापति ने सदन की कार्यवाही फिर से 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, लेकिन 2 मिनट बाद ही सभापति ने आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद भाजपा के कई विधायक और विपक्ष के कई विधायक स्पीकर के कक्ष में पहुंचे और गतिरोध खत्म करने पर चर्चा की।