अपने मीडिया इंटरव्यूज़ में देवी सिंह भाटी बता चुके हैं कि उन्होंने सबसे पहले सामाजिक न्याय मंच आंदोलन के दौरान कैप पहनी थी। तब से शुरू हुआ ये शौक न जाने कब की कब आदत बन गया, ये खुद उन्हें ही मालूम नहीं चला। इसके बाद देखते ही देखते उनके समर्थकों ने भी ऐसी कैप पहननी शुरू कर दी।
सिर पर कैप लगाए रखना देवी सिंह भाटी के लिए जैसे स्टाइल आइकन बना हुआ है। हालांकि टोपी लगाए रखने के पीछे उनके स्वास्थ्य कारण भी छिपे हुए हैं। एक इंटरव्यू में जब उनसे हमेशा कैप लगाए जाने को लेकर सवाल पूछा गया तब उन्होंने बताया था कि उनको अस्थमा और जुकाम की काफी परेशानी रहती है। लिहाज़ा इसे नियंत्रण में रखने के लिए उन्होंने कैप पहनना शुरू किया।
राजनीति के कद्दावर नेता देवी सिंह भाटी को विशेष तरह की कैप में देखकर उनके विचारों से सहमत होने वालों और उनके शुभचिंतकों ने भी इसी तरह की कैप लगानी शुरू कर दी। देखते ही देखते ‘भाटी’ कैप का अचानक से ट्रेंड चल पड़ा। उनके कई फ़ॉलोअर्स ऐसे बन गए जिन्होंने इसी तरह की कैप पहनना शुरू कर दिया। इसी के बाद से इस तरह की ‘भाटी’ कैप की मार्मेट में भी डिमांड बढ़ गई।