जहांगीरपुरी से की थी राजगढ़ मामले की तुलना
एफआइआर में बताया गया है कि न्यूज़ एंकर ने टीवी पर चले एक लाइव कार्यक्रम में अलवर के राजगढ़ में प्राचीन मंदिरों में हुई तोड़फोड़ की कार्रवाई को जहांगीरपुरी में मस्जिद पर कार्रवाई की घटना से जोड़कर प्रसारित किया। एंकर पर दिल्ली और राजगढ़ घटनाओं की तुलना करते हुए ‘भड़काऊ’ रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आरोप है।
ये कहा था लाइव प्रसारण के दौरान
टीवी में रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए न्यूज़ एंकर ने कहा, ”यह संयोग हो सकता है कि दो दिन पहले जहांगीरपुरी में एक मस्जिद के परिसर में एक बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया था और आज राजस्थान के अलवर में तीन मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया। एक मंदिर 300 साल पुराना था।” एंकर ने आगे कहा, ”क्या महादेव पर हमला करके जहांगीरपुरी का बदला लिया गया है?”
देशद्रोह सहित कई गंभीर धाराएं
‘भड़काऊ’ रिपोर्ट देने के आरोप में पुलिस ने टीवी न्यूज़ एंकर के खिलाफ राजद्रोह की धारा 124 ए के अलावा धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करने की धारा 153, किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को चोट पहुंचाने या अपवित्र करने की धारा 295, जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धारा 295-ए, आपराधिक साजिश रचने की धारा 120 बी और जुर्माने का भुगतान न करने पर कारावास की धारा 67 में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
सोशल मीडिया पर भी चला था कैंपेन
राजगढ़ की घटना को जहांगीरपुरी की घटना से तुलना करने वाली न्यूज़ एंकर की रिपोर्ट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी, जिसके बाद न्यूज़ एंकर के खिलाफ सोशल मीडिया पर ही एक वर्ग ने #ArrestAmanChopra कैंपेन शुरू कर दिया था।
एंकर के समर्थन में आए भाजपा नेता
राजस्थान पुलिस की ओर से टीवी न्यूज़ एंकर के खिलाफ देशद्रोह सहित विभिन्न गंभीर धाराओं में दर्ज़ मुकदमों को लेकर भाजपा नेताओं ने ऐतराज़ जताया है। एंकर के समर्थन में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस कार्रवाई को लेकर गहलोत सरकार को आड़े हाथ लिया है।
प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने कहा, ”राज्य सरकार अपने सभी हथकंडों को अपनाने के बाद पुनः पुराने रंग में लौट आई है।एंकर अमन चोपड़ा के खिलाफ प्रदेश के दो जिलों के थानों में गंभीर धाराओं में केस दर्ज करके मीडिया को नियंत्रित करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस का क्रूर चेहरा उजागर किया है।”
वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा, ”राजस्थान के अलवर में शिव मंदिर तोड़ने की घटना को लेकर गहलोत सरकार का असली चेहरा तथा सांप्रदायिक राजनीति की बात उजागर करने वाले पत्रकार अमन चोपड़ा के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा दो एफआईआर दर्ज करना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला है। लोकतंत्र की दुहाई देने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी, क्या अब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ ‘मीडिया’ द्वारा निर्भीक पत्रकारिता करना भी अपराध है?”