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जयपुर

स्मृति शेष : राजस्थान पत्रिका के पूर्व संपादक विजय भंडारी का निधन, 93 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

Senior Journalist Vijay Bhandari Sad Demise : पत्रिका के प्रारंभ से ही सम्पादकीय विभाग में संवाददाता के रूप में अपना पत्रकार जीवन शुरू किया था। पत्रिका से जुड़ने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और संपादक पद तक पहुंचे।

जयपुरJan 11, 2024 / 12:29 pm

Nakul Devarshi

rajasthan patrika former editor vijay bhandari sad demise in jaipur
राजस्थान पत्रिका पूर्व संपादक और वरिष्ठ पत्रकार विजय भंडारी का 93 साल की उम्र में आज सुबह निधन हो गया। भंडारी पिछले काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

विजय भंडारी का जन्म 14 जून 1931 को मेवाड़ के कपासन में हुआ था। उन्होंने पत्रिका के प्रारंभ से ही सम्पादकीय विभाग में संवाददाता के रूप में अपना पत्रकार जीवन शुरू किया था। पत्रिका से जुड़ने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और संपादक पद तक पहुंचे। वर्ष 1986 से 1990 के बीच वे पत्रिका के संपादक रहे। आयु के 59 वर्ष पूर्ण होने के बाद वे संपादक पद से सेवामुक्त हुए। इसके बाद उन्हें पत्रिका में निदेशक भी नियुक्त किया गया।

साढ़े तीन दशक का साथ
विजय भंडारी पत्रिका संस्थान से करीब साढ़े तीन दशक तक जुड़े रहे। इस दौरान उन्होंने कई वर्षों तक रिपोर्टिंग की। राज्य के बाहर भी कई महत्वपूर्ण घटनाओं का कवरेज किया। वर्ष 1977 में कर्नाटक के चिकमंगलूर में हुए लोकसभा उपचुनाव में जब इंदिरा गांधी उम्मीदवार थीं तब भी करीब दो सप्ताह तक वहीं से रिपोर्टिंग की। इस दौरान उन्होंने जो भी लिखा चुनाव नतीजे उसके अनुकूल ही रहे। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में वर्ष 1978 में समुद्री तूफ़ान की भी विस्तृत कवरेज की।

प्रधानमंत्रियों के साथ यात्रा
पत्रकार जीवन में भंडारी ने कई बार विदेश यात्राएं भी की। उनकी पहली विदेश यात्रा शांति प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में सोवियत संघ की थी। भंडारी तीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह और पीवी नरसिम्हा राव के विदेश यात्राओं के कवरेज के लिए उनके साथ गए थे। नवंबर 1985 में वे राजीव गांधी के साथ ओमान गए थे और कुछ महत्वपूर्ण समाचार भी भेजे थे। मार्च 1990 में वे विश्वनाथ प्रताप सिंह के साथ नामीबिया गए जबकि जून 1992 में भंडारी पीवी नरसिम्हा राव की जापान की राजकीय यात्रा में उनके साथ गए थे। भंडारी ने मॉरीशस और नेपाल की यात्राएं भी कीं और वहां की जनजीवन के संबंध में कई समाचार भेजे।

आत्मकथा ‘भूलूं कैसे’
उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘भूलूं कैसे’ में अपने जीवन का पूरा वृतांत लिखा है। उन्होंने बाल विवाह का हमेशा विरोध किया। पुस्तक में उन्होंने आज़ादी से पूर्व और आज़ादी के बाद की प्रमुख घटनाओं का विस्तार से विवरण किया है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विजय भंडारी के निधन पर शोक जताया है।
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