राजस्थान से मोदी केबिनेट ( Narendra Modi Cabinet ) में अभी 4 मंत्री थे और चारों वापस जीते हैं। चारों की ही जीत बड़ी रही है। इनकी दावेदारी इस बार फिर उभर रही है। इनके अलावा 8 सांसद भी किसी न किसी रूप में मंत्री पद के दावेदारों में माने जा रहे हैं। चुनाव नतीजों के बाद राज्य में अब सबसे बड़ी चर्चा यह है कि इस बार केन्द्र में केबिनेट का दर्जा किसे मिलेगा। राजस्थान ने लगातार दूसरी बार पूरे 25 सांसद भाजपा को दिए हैं तो किसी न किसी सांसद को यह दर्जा मिलना तय माना जा रहा है। इनमें सबसे मजबूत दावेदारी गजेन्द्र सिंह शेखावत और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में कर्नल राज्यवर्धनसिंह राठौड़ खेल, युवा, सूचना व प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे हैं। जयपुर ग्रामीण से विधायक और एथलीट कृष्णा पूनिया को हराकर फिर एक बार फिर अच्छे मतों से जीत हासिल की है।
मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में कृषि राज्य मंत्री रहे। जोधपुर सीट पर सीएम अशोक गहलोत के पुत्र वैभव को हरा चुनाव जीता है। पीएम मोदी व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शेखावत के प्रचार के लिए जोधपुर आए थे। राजस्थान में एकमात्र यही सीट है, जहां दोनों बड़े नेता प्रचार के लिए आए। विस चुनाव से पहले शेखावत का नाम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए भी जोर-शोर से चला था।
इनके अलावा राज्य से अर्जुनराम मेघवाल (बीकानेर) और पीपी चौधरी (पाली) का नाम भी मंत्री पद के दावेदारों में प्रमुखता से माना जा रहा है। मेघवाल संसदीय कार्य राज्य मंत्री और चौधरी कानून राज्य मंत्री रहे हैं। पिछले कामकाज को आधार बनाया जा सकता है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पसंद में गजेन्द्र सिंह शेखावत, हनुमान बेनीवाल, कैलाश चौधरी का नाम सबसे ऊपर माना जा रहा है। वर्ष 2014 के बाद अब 2019 में भी संघ ने भाजपा को जिताने और मोदी को पीएम बनाने के लिए खासी मेहनत की है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी मोदी सरकार के गठन में संघ की राय को तवज्जो मिलेगी। प्रदेश में एक सीट पर हुए गठबंधन में भी संघ की अहम भूमिका रही है। भाजपा ने गठबंधन के तहत नागौर सीट आरएलटीपी को दी। यहां से पार्टी अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल लड़े और जीत गए।