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न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र पर यह व्यवस्था दी है। सरकार ने क्रांति एसोसिएशन व अन्य की याचिका के संबंध में यह प्रार्थन पत्र पेश किया था। अतिरिक्त महाधिवक्ता चिरंजीलाल सैनी ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को शैक्षणिक सत्र 2023-24 में बच्चों को प्री प्राइमरी के एंट्री लेवल यानी नर्सरी व प्रथम कक्षा में एडमिशन देने के निर्देश दिए, जबकि सरकार की ओर से नर्सरी के अलावा केजी, यूकेजी और प्रथम कक्षा में प्रवेश देने का प्रावधान किया गया था।
इसकी पालना में राज्य सरकार ने प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी थी और कई स्कूल संचालकों ने नर्सरी व कक्षा प्रथम के अलावा केजी और यूकेजी में भी आरटीई के तहत प्रवेश की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। ऐसे में अब अंदेशा है कि निजी स्कूल केजी और यूकेजी में दिए गए प्रवेश को रद्द कर देंगे। ऐसे में निजी स्कूलों को निर्देश दिए जाएं कि वह पहले से प्रवेश पा चुके विद्यार्थियों का प्रवेश रद्द नहीं करें।
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निजी स्कूलों की ओर से अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल और अधिवक्ता अनुराग सिंघी ने कहा कि विद्यार्थी यदि प्रवेश ले चुका है तो उसका एडमिशन रद्द नहीं किया जाएगा। इस पर अदालत ने निजी स्कूलों को निर्देश दिए कि प्रवेश पा चुके अभ्यर्थियों को हटाया नहीं जाए। हाल ही हाईकोर्ट ने नर्सरी व प्रथम कक्षा में आरटीई के तहत प्रवेश देने और राज्य सरकार को फीस का पुनर्भरण करने को कहा था।