सरकार की ओर से जारी सर्कुलर में लिखा है कि यह देखा गया कि राजकीय कार्यालयों, विभागों और उपक्रमों में ऑनलाइन मीटिंग के लिए जूम एप का उपयोग किया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार जूम मीटिंग एप के जरिए होने वाली ऑनलाइन बैठकों का डेटा साइबर अटैक के जरिए लीक हो सकता है। केंद्र सरकार के साइबर सेल ने भी इसकी आशंका व्यक्त की है। ऐसे में जूम मीटिंग एप सरकारी कार्यों के लिए होने वाली बैठकों के लिए सुरक्षित नहीं है। अतः सभी विभागों में जूम मीटिंग एप पर रोक लगाई जाती है, आगे से कोई भी इस एप के जरिए बैठक नहीं करेंगे।
कोरोना काल में चर्चा में आया था जूम एप
कोरोना काल के दौरान जूम मीटिंग एप ऑनलाइन बैठकों के लिए चर्चा में आया था। तब सरकारी कामकाज से लेकर स्कूल-कॉलेजों और प्राइवेट कंपनियों में भी जूम एप के जरिए ऑनलाइन बैठकों चलन बढ़ा था। हालांकि, तब भी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने जूम एप की जांच में डेटा लीक होने की आशंका जताई थी। उस समय भी केन्द्र ने इस एप पर कुछ समय के लिए रोक लगाई गई थी।