टर्निंग ट्रेक पर बाउंसर – एकेडमी में आपत्तियों पर सुनवाई के दूसरे दिन शुक्रवार को जोशी गुट के जिला संघों के पदाधिकारियों ने चुनाव प्रक्रिया की वैधता पर सवाल उठाया। -20 अगस्त को जारी चुनाव के नोटिस पर आपत्ति जता उन्होंने कहा, राज. क्रीड़ा परिषद स्वीकृत जिला संघों के पदाधिकारियों की सूची ही मान्य हो।
– जोशी गुट ने सुनवाई से पहले इस पर फैसले का दबाव डाल चुनाव अधिकारी पर मोदी गुट के वकीलों से मिलीभगत होने का भी आरोप लगाया। सियासी पिच पर डूडी : लड़ाई की जड़ जोशी
कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक रामेश्वर डूडी ( Rameshwar Dudi ) ने कहा, लड़ाई की जड़ सीपी जोशी (
CP Joshi ) हैं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि जोशी हार जाने के डर से ऐसा करवा रहे हैं। सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग हो रहा है।
वैभव को कर रहे गुमराह, मैं लड़ूंगा चुनाव डूडी ने कहा, वैभव गहलोत (
Vaibhav Gehlot ) को जोशी गुमराह कर रहे हैं। अब बीसीसीआइ जो भी फैसला करेगी, उन्हें मंजूर होगा। उन्होंने फिर स्पष्ट किया कि यदि जिला संघ चाहेंगे तो वह अध्यक्ष का चुनाव जरूर लड़ेगे, सामने कोई भी हो।
जोशी गुट का ‘डीआरएस’ : बैन से पहले कैसा नोटिस? जोशी गुट के संयुक्त सचिव महेंद्र नागर ने कहा कि चुनावी नोटिस 20 अगस्त को निकला। उस वक्त आरसीए निलंबित थी। बीसीसीआइ चुनाव कैसे करा सकती है। पदाधिकारियों की सूची क्रीड़ा परिषद व रजिस्ट्रार से स्वीकृत नहीं है। राज्य मेंं लागू खेल कानून के मुताबिक चुनाव हों।