सवाल – आप राजस्थान में पार्टी के प्रभारी बने हैं, इसकी टाइमिंग देखकर आपको नहीं लगता कि यह कांटों का ताज है? जवाब- ये कांटों का ताज नहीं है। एक हाइप क्रिएट की जा रही है। बीजेपी वाले ही इसे हवा दे रहे हैं। कांग्रेस ऐसी पार्टी है जिसमें एक साथ बैठकर हल निकाल सकते हैं। हल वहां नहीं निकाला जा सकता है जहां निजी स्वार्थ हो। ये कांटों का ताज जिसे आप कह रहे हैं वह पूरे हिंदुस्तान में मॉडल होगा।
सवाल – 25 सितम्बर को विधायक दल की बैठक के बहिष्कार की घटना को आप किस रूप में देखते हैं? जवाब – कई बार ऐसी बात हो सकती है , हो जाती है , जाने अनजाने में हो जाती है। पर उसे कंट्रोल किया जा सकता है। इसलिए ही मुझे प्रभारी बनाया है। सबको साथ बैठाकर हल निकाल लेंगे।
सवाल – पंजाब में अकाली दल हो या अमरिंदर सिंह सरकार, आपने कई मौकों पर खुलकर विरोध किया? राजनीति में आप सदैव स्टेण्ड के लिए जाने जाते हैं, क्या राजस्थान में यह स्टेण्ड लिया जाएगा?
जवाब
बिना स्टेण्ड के न पार्टी चल सकती है न घर चल सकता है। मेरा स्टेण्ड ऐसा होगा कि जो परिवार को भी अच्छा लगेगा और पार्टी को भी। स्टेण्ड ऐसा होगा कि उससे अनुशासन हो। सबको कहूंगा कि एक नम्बर पर देश है फिर पार्टी है, मुझे विश्वास है जो भी कार्यकर्ता हैं वो डिसिप्लेन में रहकर कांग्रेस को आगे लेकर चलेंगे।
सवाल- क्या इस लड़ाई के चलते आप 2023 में पार्टी की नैया पार करा पाएंगे? जवाब – हम इस सब पर पार पा लेंगे। यहां अशोक गहलोत और सचिन पायलट हैं। दोनों से मेरा प्रेम है, एक का मैं छोटा भाई हूं दूसरा मेरा छोटा भाई है। सब साथ बैठेंगे और 2023 में फिर से सरकार बनाएंगे।
राजनीति विरासत में मिली, बेबाकी के लिए जाने जाते हैं सुखजिंदर सिंह रंधावा पंजाब में सबसे प्रमुख कांगे्रस नेताओं में माने जाते हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री काल में तीन बार विधायक रहे रंधावा ने मंत्री रहते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोला था। फिलहाल वे विधायक हैं। रंधावा के पिता संतोख सिंह दो बार पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने अपने पिता के सानिध्य में पंजाब सहित देश की राजनीति को करीब से देखा है और पंजाब में आतंकवाद के दौर में भी इनका परिवार राजनीति में सक्रिय था। रंधावा अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। अकालीदल के खिलाफ रंधावा सदा मुखर रहे हैं। उन्होंने पत्रिका से कहा कि कांग्रेस मेरे डीएनए में है। दादाजी 1921 में पार्टी से जुड़े थे, पिताजी दो बार पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष रहे। उन्होंने कहा कि मैं जन्म से ही कांग्रेसी हूं और मेरे डीएनए में कांग्रेस है। राजस्थान में सब ठीक कर दूंगा।