उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जब मुख्यमंत्री पिछले बजट का पन्ना पढ़ रहे थे। सरकार की फितरत कैसी है, सरकार कैसे काम करती है पता लग जाता है, जिस तरीके का असंतुलन गहलोत के भाषण में दिखा। बेशक लोक लुभावन बातें होगी, लेकिन जिन किसानों की मौतें हुई वो मौतें जवाब मांगती हैं, जिस तरीके से कर्जा लेकर और खर्चा करने की नीति है और वो फिल्म है आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई कहती है कि राजस्थान सबसे ज्यादा फिजिकल स्ट्रेस वाला स्टेट है। ना योजनाओं में तारतम्य है और जो सबसे बड़ी बात है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत घोषणाजीवी हैं, घोषणा और घोषणाओं की क्रियान्विति में कोसों मील का फर्क है।
चुनाव पर केंद्रित है बजट-अरुण सिंह
भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि पिछले चार बजट की घोषणाएं और जनघोषणा पत्र के वादे आज तक अधूरे है, ऐसे में यह बजट सिर्फ चुनाव को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया है, जिससे प्रदेश की जनता भ्रमित नहीं होने वाली है। प्रदेश का हर वर्ग कांग्रेस सरकार के कुशासन से प्रताड़ित है। 2023 में कांग्रेस की सत्ता से विदाई होगी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीन चौथाई बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनेगी, जो राजस्थान की सुख शांति, समृद्धि, रोजगार और मजबूत कानून व्यवस्था के लिए काम करेगी।