Rajasthan Election 2023 : चाय से लेकर रसगुल्ला-गुलाब जामुन तक के दाम तय, यहां देखें पूरी रेट लिस्ट
नवरात्रों के दौरान दिल्ली भाजपा कार्यालय में इन नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलवाई जा सकती है। पार्टी की कोशिश है कि राजस्थान की चुनाव समिति की बैठक से पहले कांग्रेस के नेता भाजपा में शामिल हो जाएं। बताया जा रहा है कि करीब दस से बारह ऐसे नेता हैं, जिनसे भाजपा नेता सम्पर्क में हैं। कांग्रेस के इन नेताओं में चार से पांच विधायक, कुछ पूर्व विधायक और प्रदेश पदाधिकारी है। हालांकि, इस मामले में भाजपा का कोई भी नेता खुल कर नहीं बोल रहा। सारी बातचीत दिल्ली के स्तर पर ही चल रही है। प्रदेश भाजपा के एक बड़े नेता ने यह पुष्टि की है कि कांग्रेस नेताओं से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की बातचीत चल रही है।
इन जिलों के कांग्रेस नेताओं-विधायकों से चल रही बातचीत
नागौर: भाजपा में शामिल हो चुकी ज्योति मिर्धा के रिश्तेदार हैं। वर्तमान में विधायक हैं। कुछ समय पहले अपने स्टाफ को लेकर विवादों भी रह चुके हैं। नागौर जिले के दूसरे युवा विधायक हैं। ये पहली बार ही विधायक चुन कर आए हैं और राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ का चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि वे चुनाव हार गए।
जयपुर: कांग्रेस सरकार में मंत्री हैं और नागौर जिले के एक विधायक के ससुर हैं। इनसे भी भाजपा की बातचीत चल रही है। बताया जा रहा है कि भाजपा इनको सांसद का चुनाव लड़वाने पर भी विचार कर रही है।
जैसलमेर: किसी जमाने में एनडीए सरकार में मंत्री रहे नेता के पुत्र, जो टिकट नहीं मिलने पर भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए। अपना जिला छोड़ भाजपा की बड़ी नेता के सामने चुनाव भी लड़ा और हार गए। वर्तमान कांग्रेस सरकार ने एक बोर्ड का अध्यक्ष बना रखा है। यह बोर्ड सैनिकों से संबंधित है। इनसे भी पार्टी के बड़े नेता बातचीत कर इन्हें वापस भाजपा में लाना चाह रहे हैं।
जोधपुर: युवा विधायक को अपनी बेबाकी के कारण सोशल मीडिया पर अहमियत मिल रही है। गहलोत सरकार पर संकट के समय उभर कर आए थे। कांग्रेस के दिग्ग्ज जाट परिवार से आते हैं।
धौलपुर: तीन बार के विधायक, चर्चित भी रहे
तीन बार के विधायक हैं। सरकारी कर्मी के साथ मारपीट मामले में चर्चित रहे। कांग्रेस सरकार पर संकट के समय 2020 में भाजपा के साथ जाने की चर्चा चली थी।
3 मंत्रियों से भी चली थी बात
पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार भाजपा के बड़े नेताओं की कांग्रेस सरकार में तीन मंत्रियों से भी बातचीत हुई है। ये मंत्री बाड़मेर और झुंझुनूं और जयपुर ग्रामीण से आते हैं। बाड़मेर और झुंझुनूं से आने वाले दोनों मंत्री कांग्रेस के स्थापित नेताओं में शामिल हैं। झुंझुनूं जिले के मंत्री के पिता तो केन्द्र की कांग्रेस सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि तीनों नेताओं ने फिलहाल कांग्रेस छोड़ने के लिए मना कर दिया है। जयपुर जिले के मंत्री वर्तमान में केन्द्रीय जांच एजेंसियों के दायरे में भी है।
rajasthan election
2023: भाजपा को देख कांग्रेस बदल रही ‘रणनीति’, देखें वीडियो
कई मंत्री-विधायक आशंकित
कांग्रेस अतर्कलह से जूझ रही है, विधायक और मंत्रियों में कांग्रेस नेतृत्व के प्रति विश्वास नहीं रहा है। कांग्रेस के कई मंत्री और विधायक अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं। सी.पी. जोशी, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा