ये बसें दस साल से अधिक पुरानी हो गई थी। पुरानी बसों में यात्रियों को सफर करने में परेशानी हो रही थी। आगार में अब खुद की बसों की संख्या 27 हो गई है। इनमें 12 पुरानी बसों के अलावा 15 नई बसें शामिल है। इसके अलावा अनुबंध की 33 बसों का संचालन हो रहा है। एनसीआर क्षेत्र में बीएस-6 बसों का संचालन ही संभव है। इसलिए इससे पहले रोड़वेज आगार की खुद की बसों का एनसीआर में संचालन नहीं हो रहा था।
पुरानी बसों का यह है नियम
यातायात संचालन प्रबंधक ने बताया कि रोडवेज में पुरानी बसों का कंडम घोषित करने का प्रावधान है। इसके तहत 8 साल पुरानी या 8 लाख किलोमीटर चल चल चुकी बसों को कंड़म मानकर इन बसों को बेड़े से हटाने का नियम है। इसके तहत 2013 में आई बसों में से 12 पूरी तरह कंडम घोषित होने पर इनको यहां से रोडवेज मुख्यालय भेजा गया है। अभी तक आगार में बसों की कमी से पुरानी बसों को जैसे तैसे चलाया जा रहा था। लेकिन अब नई बसें आने पर पुरानी बसों को यहां से हटाया गया है। पुरानी बसों के संचालन से डीजल औसत भी गड़बड़ा रहा था। इस आगार में मार्च 2020 के बाद अब नई बस आई है। पुरानी बसों के हटने से डीजल औसत में सुधार होगा और रोडवेज आगार की आय में बढ़ोतरी होगी।