इस बार ग्रीन दिवाली के लिए भले ही राज्य सरकार ने जोर दिया हो लेकिन सामान्य पटाखों की जमकर बिक्री हुई। इस पर जिम्मेदारों की ओर से कोई सख्ती नहीं की गई। नतीजा यह हुआ है कि दिवाली के पहले और बाद में पूरी तरह से वायु प्रदूषण का स्तर बिगड़ गया है। जयपुर का प्रदूषण स्तर रविवार को भी 296 एक्यूआई के आसपास दर्ज किया गया। वहीं जोधपुर का स्तर 278, अलवर का 157, भिवाडी का 403, कोटा का 303, उदयपुर का 221 एक्यूआई वायु प्रदूषण का स्तर दर्ज किया। इस साल प्रदूषण का स्तर पिछले दो साल से भी ज्यादा रहा है। ग्रीन पटाखों की सख्ती और रात में महज आठ से दस बजे की आतिबाजी की पाबंदी के बावजूद राजधानी जयपुर में समेत प्रदेश के सभी बड़े शहरों में प्रदूषण का स्तर बेहद तेजी से बढ़ गया है। जयपुर में दो नवंबर तक प्रदूषण का स्तर 170 से 190 के बीच दर्ज किया गया था।
भिवाड़ी में सबसे ज्यादा प्रदूषण
राजस्थान में सबसे ज्यादा प्रदूषण वाला शहर भिवाड़ी रहा है। यहां रविवार सुबह प्रदूषण का स्तर 403 दर्ज किया गया है। औसत पैमानों को देखा जाए तो 100 से ज्यादा एक्यूआई होने पर स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभाव पड़ना शुरू हो जाते हैं। लेकिन प्रदूषण में 300 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में प्रदूषण जितना ज्यादा होगा उसके नुकसान उतने ज्यादा होंगे। ऐसे में चिकित्सकों ने श्वास संबंधी मरीजों को घर से बिल्कुल बाहर न निकले प्रापर गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी है। प्रदूषण का स्तर कम होने तक अस्थमा, सांस संबंधी बीमारी और पोस्ट कोविड से जूझ रहे लोगों को बेहद एहतियात बरतने की जरूरत है।
प्रदूषण नियंत्रण मंडल का नहीं सब विभागों का काम
हर साल करोड़ों रुपए का बजट जारी होने वाले राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के प्रदूषण के द्वारा महजलाइव अपडेट में ही आंकड़ों को बताया जा रहा है लेकिन कहीं भी सख्ती का असर नजर नहीं आ रहा। मंडल के अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए मंडल ने विभिन्न तरीकों से जागरूक किया लेकिन प्रभावी मॉनिटरिंग फील्ड में नहीं की। मंडल की अध्यक्ष वीनू गुप्ता ने कहा कि यह कार्य सभी विभागों को करना था, एक विभाग का इसमें रोल नहीं है।
देश की राजधानी के हालात भी बदतर
देश की राजधानी दिल्ली में अलीपुर का आज सुबह का वायु प्रदूषण का स्तर 449, आनंद विहार में 453, अशोक विहार में 451, आया नगर में 419,बवाना में 454, चांदनी चौक में 444, द्वारका में 448, इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर 410, जहांगीरपुरी में 466, लोधी रोड पर 410 एक्यूआई दर्ज किया गया, जो कि बेहद चिंताजनक श्रेणी में है।
ऐसे समझें आंकड़ों को
सूचकांक——-नतीजे
0-100——–अच्छा यानि कोई दिक्कत नहीं है
101-200——मोडरेट बाहर जाने से बचें
201-300——श्वसन संबंधी बीमारियों के मरीजों को तकलीफ
301-400——लंबे समय से बीमार रोगियों को दिक्कत