दरअसल, इस योजना के तहत देशभर के सभी पात्र किसानों तक लाभ पहुंचाने के लिए नए वित्तीय वर्ष में भी इसे जारी रखने का ऐलान केन्द्र सरकार कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए तैयारी की जा रही है। 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट (Budget) में केन्द्र सरकार इस स्कीम को जारी रखने की घोषणा कर सकती है। यह योजना 2018 के आखिर में लांच की गई थी। शुरूआत में योजना सिर्फ लघु और सीमांत किसानों के लिए ही थी लेकिन बाद में इसका दायरा बढ़ा दिया गया। अब इस योजना के तहत कोई भी पात्र किसान अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर लाभ ले सकता है।
आधार सत्यापन है जरूरी
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत एक साल में दो दो हजार रुपए की तीन किश्तों के जरिए कुल 6 हजार रुपए किसानों को सीधे खातों में ट्रांसर्फर किए जाते हैं। अब तक करीब 8 करोड़ 54 लाख किसानों के खातों में इस योजना के तहत राशि पहुंच चुकी है। इस योजना में अब आधार आधारित सत्यापन होने पर ही किसानों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। आधार सत्यापन नहीं होने पर किसानों को इस स्कीम के तहत राशि नहीं मिल पा रही है। ऐसे में जिन किसानों ने आधार सत्यापन नहीं करवाया है, उन्हें सत्यापन करवाना जरूरी है। साथ ही रजिस्ट्रेशन में आवेदक के लिखे हुए नाम और आधार के नाम में मिलान होना भी जरूरी है।
इन्हें नहीं मिलेगा स्कीम का लाभ
मिली जानकारी के मुताबिक एमपी, एमएलए, मंत्री और मेयर के साथ ही केंद्र या फिर राज्य सरकार में अधिकारी कार्मिकों को इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसान भी इस योजना के तहत लाभ लेने के हकदार नहीं हैं। पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट अगर अपने पेश के साथ खेती भी करते हैं तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वालों को भी इस योजना के दायरे से बाहर रखा गया है। हालांकि, केंद्र और राज्य सरकार के मल्टी टास्किंग स्टॉफ, चतुर्थ श्रेणी, समूह डी कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।