scriptKotputli Borewell Incident: बोरवेल में फंसी चेतना 95 घंटे से भूखी-प्यासी, बारिश के कारण 5वें दिन रेस्क्यू में आई बाधा | Kotputli Borewell Incident Chetna is stuck in a borewell since 5 days | Patrika News
जयपुर

Kotputli Borewell Incident: बोरवेल में फंसी चेतना 95 घंटे से भूखी-प्यासी, बारिश के कारण 5वें दिन रेस्क्यू में आई बाधा

Kotputli Borewell Accident: कोटपूतली के कीरतपुरा की ढाणी बडियावाली में तीन वर्षीय बालिका चेतना 5 दिन से बोरवेल में फंसी हुई है, लेकिन अभी तक रेस्क्यू टीमों को सफलता नहीं मिल पाई है।

जयपुरDec 27, 2024 / 11:25 am

Anil Prajapat

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जयपुर। कोटपूतली के कीरतपुरा की ढाणी बडियावाली में तीन वर्षीय बालिका चेतना 5 दिन से बोरवेल में फंसी हुई है, लेकिन अभी तक रेस्क्यू टीमों को सफलता नहीं मिल पाई है। टीमें 90 डिग्री पर 8 फीट हॉरिजेन्टल टनल बनाने में जुटी हुई है। लेकिन, बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आ रही है।
बता दें कि चेतना 95 घंटे से भूखी-प्यासी है और वह 120 फीट गहराई पर हुक में अटकी हुई है। शुक्रवार सुबह से ही केसिंग डालने का काम चल है, जो लगभग पूरा होने वाला है।
बालिका तक पहुंचने के लिए टनल बनाने की कवायद के चलते शाम को इसके समानांतर दूसरी बोरवेल की खुदाई की गई और मिट्टी को रोकने के लिए कास्टिंग पाइप डाले गए। पुराने बोरवेल और नए खोदे गए 24 इंच के बोरवेल के बीच की दूरी लगभग 7 से 8 फीट है। इस दूरी में पत्थर आने से ड्रिल मशीन से पत्थर काटने में भी समय लग गया।
Kotputli Borewell Incident

बारिश के कारण रेस्क्यू में आई बाधा

एनडीआरएफ इंचार्ज योगेश कुमार मीना ने बताया कि 150 से 170 फीट तक पत्थर है।ऐसे में पूरी सावधानी बरती जा रही है। केसिंग डाले जाने की प्रकिया पूरी होने के बाद आगे काम शुरू होगा। बारिश से थोड़ी बाधा उत्पन्न हो रही है, लेकिन फिर भी काम जारी है।
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रेस्क्यू टीम के लिए लगाया वाटर प्रूफ टेंट

जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया कि बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आ रही है। रातभर से हो रही बारिश के कारण रेस्क्यू अभियान रुक रुक कर जारी हैं। रेस्क्यू टीम के लिए वाटर प्रूफ टेंट भी लगाया गया है। जमीन के नीचे पत्थर आने से भी रिस्क अभियान में वक्त लगा है। जल्दी से जल्दी इस रेस्क्यू अभियान को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं।
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परिस्थितियां अनुकूल नहीं होने से रेस्क्यू में आई बाधाएं

-प्लान ए के तहत जुगाड़ तंत्र हुक के सहारे 15 फीट ऊपर तक बालिका को लाने के बाद बोरवेल की मिट्टी ढहने से रेस्क्यू रोका।
-प्लान बी के तहत दूसरी बोरवेल से खुदाई का कार्य शुरू किया, लेकिन 140 फीट नीचे पथरीली जमीन आने से दूसरी मशीन से खुदाई करवाने में समय लगा।

-पथरीली जमीन में टनल बनाने के लिए मैन्यूअली ड्रिल मशीन से पत्थर की कटाई में समय लगा।
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कास्टिंग पाइप डालने का काम देर रात तक जारी

जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया कि प्लान बी के तहत दूसरी बोरवेल में 170 फीट तक कास्टिंग पाइप डालने के बाद 90 डिग्री पर हॉरिजेन्टल टनल तैयार करने में लगे रहे।
एनडीआरएफ टीम व रेट माइंस के विशेषज्ञ जवान बोरेवल में 170 फीट नीचे उतर कर पुरानी बोरवेल तक पहुचंने के लिए 7 से 8 फीट पत्थरों की मैन्युअली ड्रिल मशीन से कटाई करने में लगे रहे।
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इसके बाद बालिका तक पहुंचकर बालिका को बाहर निकालेंगे। प्लान ए के तहत जुगाड़ तंत्र के सहारे बालिका को 15 फीट तक ऊपर लाया गया था। इसके बाद बोरवेल की मिट्टी ढहने से अवरोध होने पर लॉक कर दिया था।
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इससे पहले यह प्रयास

प्लान ए के तहत जुगाड़ तंत्र के सहारे बालिका को 15 फीट तक ऊपर लाया गया था, लेकिन बोरवेल की मिट्टी ढहने से अवरोध उत्पन्न हुआ, जिससे उसे लॉक कर दिया गया था। पुलिस ने बोरवेल के आसपास एक किलोमीटर के दायरे में भीड़ को इकट्ठा नहीं होने दिया।

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