पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (PKC-ERCP) का कार्य दो चरणों में होगा। इसके निर्माण पर 70 हजार करोड़ से ज्यादा लागत आएगी। पहला चरण का काम चार साल में पूरा होगा। वर्ष 2028 तक बीसलपुर और ईसरदा बांध तक चंबल का पानी लाने की योजना है। वहीं, दूसरे चरण का काम भी पहले चरण के बीच ही शुरू किया जाएगा। सरकार दूसरे चरण पर भी होमवर्क कर रही है। इस परियोजना से 90 की जगह 158 बांध-तालाब व अन्य जल स्रोतों तक पानी पहुंचेगा। जल संसाधन विभाग ने 21 जिलों के लिए नए सिरे से तैयार डीपीआर में छोटे-बड़े बांधों के अलावा तालाब व अन्य जल स्रोतों को भी जोड़ा है।
इन जिलों को होगा फायदा
पीकेसी-ईआरसीपी योजना से राजस्थान के 21 जिलों को पानी मिलेगा। जिनमें जयपुर, टोंक, अजमेर, दौसा, करौली, सवाई माधोपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी तो पहले से ही शामिल है। इसके अलावा बीजेपी सरकार ने आते ही दूदू, कोटपूतली-बहरोड़, डीग, शाहपुरा, केकड़ी, ब्यावर और गंगापुर को भी इसमें शामिल कर लिया है।
क्या है पीकेसी-ईआरसीपी परियोजना?
राजस्थान में ईआरसीपी यानी ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है। क्योंकि इस परियोजना से राजस्थान के 21 जिलों की प्यास बुझेगी। साथ ही किसानों को सिंचाई के लिए भी पानी मिलेगा। इस परियोजना का नाम बदलकर अब पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट कर दिया है। राजस्थान में भाजपा सरकार बनते ही इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार के साथ एमओयू भी साइन हो चुका है। डबल इंजन की सरकार होने के कारण राजस्थान में परियोजना का काम अब रफ्तार पकड़ रहा है।