इस मामले को लेकर राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ और मदरसों की संयुक्त संस्था मदरसा अल फलाह तंजीम के पदाधिकारियों ने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से मुलाकात कर सरकारी पंजीकृत मदरसों को परीक्षा शुल्क से मुक्त रखने की मांग की थी। वहीं दूसरी ओर मदरसा बोर्ड के तत्कालीन सचिव हरिताभ कुमार आदित्य ने भी शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि पंजीकृत मदरसों में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे पढ़ाई करते हैं, ऐसे में इन्हें सरकारी स्कूलों की भांति परीक्षा शुल्क से मुक्त रखा जाए। जिसके बाद शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर पंजीकृत मदरसों की 5वीं कक्षा के बच्चों के लिए परीक्षा शुल्क माफ करने के आदेश जारी किए। मदरसा अल फलाह तंजीम के अध्यक्ष रफीक गारनेट और नाहरी का नाका स्थित मदरसा जामिया तैयबा के संचालक कारी मोहम्मद इसहाक का कहना है कि समाज की सरपरस्ती में चलाए जा रहे मदरसों का उद्देश्य कमाना नहीं है, बल्कि बच्चों को तालीम देना है। ऐसे में सरकारी मदरसों को दी गई इस राहत का हम स्वागत करते हैं।
25,674 विद्यार्थियों की फीस की बचत होगी इस मामले को लेकर हमने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से मुलाकात की थी। परीक्षा शुल्क मुक्ति से 25,674 गरीब विद्यार्थियों की फीस की बचत होगी। पंजीकृत मदरसे सरकारी देखरेख में ही चलते हैं। ऐसे में हम जरूरतमंद बच्चों के लिए शुल्क माफी की मांग कर रहे थे।
राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ