ठंड की दस्तक से बदला राजस्थान का मिजाज, तेजी से गिरा तापमान; जानिए कौन सा शहर सबसे ठंडा
नया प्लान कोई नहीं
राज्य के पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा का कहना है कि अलवर और भिवाड़ी क्षेत्र में जयपुर से भी ज्यादा प्रदूषण है। प्रदूषित इलाकों में एंटी स्मोक गन व मैकेनाइज्ड स्वीपिंग मशीनों का उपयोग कर रहे हैं। प्रदूषण कम करने के लिए अभी कोई विशेष प्लान तैयार नहीं किया गया है। उपलब्ध संसाधनों से ही समाधान में जुटे हैं।ओपीडी-आइपीडी व इमरजेंसी में बढ़ रहे मरीज
वायु प्रदूषण का असर सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी-आइपीडी व इमरजेंसी में भी दिखाई दे रहा है। स्थिति ये है कि टीबी, अस्थमा और एलर्जी के मरीजों को गंभीर हालत में इलाज के लिए लाया जा रहा है। चिकित्सकों का मत है कि, वर्तमान में अस्पतालों की ओपीडी में 40 से 60 फीसदी मरीज प्रदूषण से बीमार होकर पहुंच रहे हैं।इस साल वायु प्रदूषण बढ़ा: एक्सपर्ट
जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि वाहनों का धुंआ, तापमान में गिरावट, ठोस अपशिष्ट का पूरा निस्तारण नहीं होने, सड़क धूल, निर्माण कार्य की वजह से स्थिति काफी खराब हो रही है। उद्योगों में भी पर्यावरण नियमों की पालना नहीं हो रही है। बड़े शहर जयपुर, कोटा, जोधपुर, उदयपुर में भी दीपावली के बाद से प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। वातावरण में नमी की मात्रा से धुआं छाया हुआ है।वाहनों की बढ़ती संख्या भी बड़ा कारण
शहर और गांवों में तेजी से बढ़ रही वाहनों की संख्या भी वायु प्रदूषण बढ़ने का बड़ा कारण हैं। राजस्थान में अब तक करीब 2.16 करोड़ वाहन पंजीकृत हैं।15 लाख वाहनों का सालाना प्रदेश में हो रहा पंजीयन
03 लाख वाहनों का हर साल जयपुर में पंजीयन
70 हजार वाहन हर रोज जयपुर में प्रवेश करते हैं
2.5 लाख वाहन दूसरे शहर और राज्यों के जयपुर में पहले से ही मौजूद