आईएएस नवीन महाजन बोले, लोग इको फ्रेंडली सिटीजन के रूप में निभाएं जिम्मेदारी
Patrika Campaign : सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलीथिन पर रोक नहीं लग पाने के पीछे आखिर क्या कारण है, इसे लेकर राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के चेयरमैन नवीन महाजन से बातचीत की गई। जवाब में उन्होंने कहा कि सिर्फ प्रतिबंध से कोई भी चीज हटाई नहीं जा सकती, यह सामूहिक प्रयास से ही संभव है।
आईएएस नवीन महाजन बोले, लोग इको फ्रेंडली सिटीजन के रूप में निभाएं जिम्मेदारी
जयपुर। सरकार के प्रयास के बाद भी सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलीथिन पर प्रभावी रोक नहीं लग पा रही है। प्रतिबंध के 8 माह बाद भी बाजार से घर तक सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है। रोक नहीं लग पाने के पीछे आखिर क्या कारण है, इसे लेकर राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के चेयरमैन नवीन महाजन से बातचीत की गई। जवाब में उन्होंने कहा कि सिर्फ प्रतिबंध से कोई भी चीज हटाई नहीं जा सकती, यह सामूहिक प्रयास से ही संभव है। सिटीजन अपनी दिनचर्या से प्लास्टिक को कैसे निकाले, इस पर अच्छे इको फ्रेंडली सिटीजन के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाएं, तभी सिंगल यूज प्लास्टिक को समाज से बाहर किया जा सकता है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के चेयरमैन नवीन महाजन ने क्या कहा…
सवाल : सिंगल यूज प्लास्टिक के क्या—क्या नुकसान है, यह लोगों को किस तरह प्रभावित करता है, उन्हें कैसे नुकसान पहुंचाता है? चेयरमैन नवीन महाजन — यह बात सही है कि सिंगल यूज प्लास्टिक सरकार ने सोच समझकर प्रतिबंधित किया है। यह पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाने वाला प्रोडेक्ट है। यह बायो डिग्रेडेबल है, समय के साथ बहुत सी ऐसी वस्तुएं होती है, जो अपने आप डीग्रेड हो जाती है, पर सिंगल यूज प्लास्टिक डिग्रेडेबल नहीं है। बहुत अरसे तक यह वातावरण को प्रदूषित करता है। हम लोगों को विदित है कि कचरे के ढेर में गौवंश व गायें प्लास्टिक खाती है, यह उनकी हैल्थ को भी नुकसान पहुंचाती है।
सवाल : सिंगल यूज प्लास्टिक पर आखिर पूरी तरह पाबंदी क्यों नहीं लग पा रही है, क्या कोई कठोर नियम नहीं है? चेयरमैन नवीन महाजन — नियम में तो सख्ती है, इसके लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नगर निगम और स्वायत्तशासी संस्थाओं को अधिकृत कर रखा है, ये समय—समय पर अभियान चलाकर इस पर कार्रवाई भी करते हैं, पर अगर हमें प्लास्टिक को हमारी जिन्दगी से पूरी तरह हटाना है तो हमें जागरूक होकर एक जिम्मेदार सिटीजन की भूमिका में आगे आना पड़ेगा। हमारी दिनचर्या में बदलाव लाना पड़ेगा। अगर हम सब्जी या फल लेने जाते है तो स्वभाविक है हम थैला लेकर नहीं जाएंगे तो दुकानदार कभी—कभार प्लास्टिक का थैला उपयोग में लेगा। सख्ती के साथ यह भी जरूरी है कि हम पहल करें कि जब भी बाजार में सब्जी या फल लेने जाएं तो कागज या कपड़े का थैला लेकर जाए, इन्हें हमें उपयोग में लाना होगा और अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना होगा।
यह भी पढ़े : ये कैसी पाबंदी, बाजार से घर तक खुलेआम पॉलीथिन का उपयोगसवाल : सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक नहीं लग पाने के पीछे किसे जवाबदेही मानते हैं? चेयरमैन नवीन महाजन — देखिए यह एक सामूहिक प्रयास है। अभियान चलते है, प्लास्टिक सीज किया जाता है। नगर निगम व जिला प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाती है। जब कठोरता से कार्रवाई होती है, लेकिन थोडी देर के लिए अभियान रुक जाता है तो किसी न किसी को वापस से इस तरह की चीज का उपयोग करने का अवसर मिल जाता है। एक जागरूक नागरिक होने के नाते हमारा प्रयास होना चाहिए कि जहां भी कोई वॉयलेशन होता है तो उसे तुरंत निगम प्रशासन या जिला प्रशासन को रिपोर्ट करें, इसके साथ अपील भी करें कि ये चीज गलत है। नियमों के तहत इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।
चेयरमैन नवीन महाजन — ऐसा नहीं है कि लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। काफी बड़े स्तर पर सरकार और प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने विज्ञापन किया है, सोशल मीडिया पर अभियान भी चलाए हैं। जिला प्रशासन व निगम प्रशासन ने रैली निकाल लोगों को जागरूक किया है। यह तो नहीं है कि आज के दौर में हमें प्लास्टिक प्रोडेक्ट के बारे में जानकारी नहीं है। केवल और केवल मुझे लगता है कि आवश्यकता यह है कि सिटीजन अपनी दिनचर्या से प्लास्टिक को कैसे निकाल सकता है, इस पर फोकस करें।
यह भी पढ़े : न जनता जागरूक, न दुकानदार, मॉनिटरिंग करने वाला कोई नहींसवाल : सिंगल यूज प्लास्टिक पर कैसे प्रभावी रोक लगे, जनता से आपकी क्या अपील है? चेयरमैन नवीन महाजन — मैं बहुत स्पष्ट हूं, केवल प्रतिबंध होने से कोई भी चीज हटाई नहीं जा सकती है, यह सामूहिक प्रयास से ही हो सकता है। सरकार प्रतिबंध कर सकती है, लेकिन प्रतिबंधित वस्तु को समाज से तभी हटा सकते है, जब सब मिलकर सामूहिक प्रयास करें और इन वस्तुओं का बहिष्कार करें।
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