जानकारों के अनुसार जयपुर शहर में रोजाना 200 किलो से अधिक पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है और यह प्रतिदिन करीब तीन करोड़ से अधिक का कारोबार बताया जा रहा है। जब राजधानी के ऐसे हालात, तो प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन की सच्चाई सहज ही सामने आ जाती है।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी के आठ माह बाद भी खुलेआम पॉलीथिन व अन्य सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नौकरशाहों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे है। जिम्मेदार जयपुर ग्रेटर नगर निगम और हैरिटेज नगर निगम की कार्रवाई पर भी प्रश्नचिन्ह लाजमी है। आज भी हर एक किराना और जनरल स्टोर पर औसतन रोजाना 2 से 4 किलो पॉलीथिन का उपयोग सामान देने में किया जा रहा है। एक किलो के पैकेट में 300 से 400 पॉलीथिन आ रही है।
बाजार में 250 ग्राम से 10 किलो पैकिंग की पॉलीथिन अधिक चलन में है। हालांकि बाजार में 20 किलो पैकिंग तक की पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है। वहीं शहर में 10 हजार से अधिक ठेले वाले फल—सब्जी बेचने का काम कर रहे है, इनमें अधिकतर पॉलीथिन का उपयोग कर रहे हैं।
6 टन से अधिक प्लास्टिक रोजाना कचरे में
सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोग की हकीकत शहर से निकल रहा कचरा बता रहा है। निगम सूत्रों का कहना है कि रोजाना कचरे से 600 किलो से अधिक प्लास्टिक की छंटाई की जा रही है। इसमें पॉलीथिन सहित अन्य प्लास्टिक शामिल है। यह छंटाई नगर निगम के सेवापुरा कचरागाह और मथुरादासपुरा कचरागाह में हो रही है।
कहां कितना निकल रहा प्लास्टिक
2 से 2.5 टन प्लास्टिक व पॉलीथिन आ रहा है सेवापुरा कचरागाह में रोजाना
3 से 3.5 टन प्लास्टिक व पॉलीथिन आ रहा है मथुरादासपुरा कचरागाह में रोजाना
पर्यावरण के साथ जानवरों पर भारी
सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलीथिन पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे है, वहीं जानवरों पर भी भारी पड़ रहे है। जानवर पॉलीथिन खाकर अकाल मौत के मुंह में समां रहे हैं। नगर निगम ग्रेटर पशु प्रबंधन शाखा के डॉ. हरेन्द्र सिंह चिराणा का कहना है कि गायें पॉलीथिन खाती है और यह पॉलीथिन उनके रूमन में जमा हो जाता है। इससे गायों में चारा खाने की क्षमता कम हो जाती है। इससे उन्हें न्यूट्रिशन कम मिलता है और गाय बीमार होकर मौत का शिकार हो जाती है।
सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोग का गणित
60 हजार से अधिक हैं शहर में किराना व जनरल स्टोर की दुकानें
10 हजार से अधिक हैं जयपुर में फल व सब्जी ठेले वाले
2 से 4 किलो पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है एक दुकान पर औसतन रोजाना
150 से 180 रुपए प्रति किलो में बिक रही है पॉलीथिन
300 से 400 पॉलीथिन आती हैं एक किलो के पैकेट में
250 ग्राम से 20 किलो तक की पैकिंग की पॉलीथिन चलन में
1 जुलाई 2022 से पूरी तरह पाबंदी
1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह पाबंदी है देशभर में
सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं के विनिर्माण, आयात, भण्डारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पूरी तरह निषेध
सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर 5 साल की सजा एवं 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
यह भी पढ़े : वीरांगनाओं के मामले को लेकर विधानसभा में भिड़े धारीवाल और राठौड़
ये है सिंगल यूज़ प्लास्टिक
40 माइक्रोमीटर या उससे कम स्तर के प्लास्टिक को सिंगल यूज प्लास्टिक में शामिल किया गया है। इनमें सब्जी के पॉलीथिन कैरीबैग, चाय के प्लास्टिक कप, चाट गोलगप्पे वाली प्लास्टिक प्लेट, बाजार से खरीदी पानी की बोतल, स्ट्रॉ सिंगल यूज प्लास्टिक से बने उत्पाद हैं।