एसओजी ने आरोपी शिक्षक राजेन्द्र के संबंध में उसके निवास स्थान के आस पास क्षेत्र में पड़ताल की। कुछ लोगों ने बताया कि शिक्षक राजेन्द्र ने अपने बेटे की शादी की और बहू को पहली बार घर लाया था, तब सोने के जेवरों से लाद रखा था। बहू को इतना सोना पहना देखकर सब दंग रह गए थे। एसओजी को अब तक आरोपी के पास मिली सम्पत्ति के अलावा आधा दर्जन और प्लॉटों की जानकारी मिली है। जिनकी तस्दीक की जा रही है।
एसओजी सूत्रों के मुताबिक आरोपी शिक्षक राजेन्द्र यादव शहीद मेजर दिग्विजय सिंह सुमाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खातीपुरा में शिक्षक पद पर पदस्थ है। आरोपी का स्कूल क्षेत्र का नॉडल स्कूल है और यहां से अन्य 9 निजी स्कूलों में भी प्रतियोगी परीक्षाओं व बोर्ड की अन्य परीक्षाओं के पेपर जाते थे। आरोपी राजेन्द्र वर्ष 2011 से स्कूल में सहायक परीक्षा प्रभारी रहा है और वर्तमान में प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर खुद की निगरानी में रखवाता था।
आरोपी शुरुआत में परीक्षा में अभ्यर्थियों की नकल करवाकर मदद करता था। लेकिन वर्ष 2015 से पेपर लीक गिरोह से जुड़ गया था। एसओजी शिक्षक राजेन्द्र यादव और पटवारी हर्षवर्धन के जरिए पेपर लीक के जरिए नौकरी में आने वालों की भी सूची बना रही है। दोनों ने करीब साढ़े पांच सौ से छह सौ लोगों को सरकारी नौकरी में लगवाया है। इनमें पटवारी हर्षवर्धन के अधिकांश मामले हैं।
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एसओजी सूत्रों के मुताबिक, पेपर लीक मामले में सरकार आरोपियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने के पक्ष में सख्त है। सरकार की सख्ती बरकरार रहने पर पेपर लीक व डमी अभ्यर्थियों के जरिए सरकारी नौकरी में आने वाले सभी लोगों का पता लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।