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पाम और पामोलीन के बीच आयात शुल्क अंतर बढ़ाया जाए
मोपा के ज्वाइंट सैक्रेटरी अनिल चत्तर ने सरकार से अपील की है कि देश की प्रसंस्करण मिलों को चलाने के लिए पाम और पामोलीन के बीच आयात शुल्क अंतर को मौजूदा 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया जाए। यह एक तरह से पामोलीन पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग है। चत्तर ने कहा कि नरम तेलों का अंधाधुंध आयात अब खटकने लगा है। सस्ते आयातित तेल देशी तेल मिलों के लिए खतरा बने हुए हैं। सरकार ने भी खाद्य तेलों के शुल्क मुक्त आयात की छूट इसलिए नहीं दी थी कि देशी सरसों की बंपर फसल और सूरजमुखी फसल बाजार में न खपे।