केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने पिछले दिनों यह चार्टर जारी किया था। इसके बाद प्रदेश में सभी जिला परिषदों को सरकार ने निर्देश जारी किए हैं। चार्टर हर पंचायत के लिए अलग दस्तावेज होगा, जिसका मॉडल ड्राफ्ट तैयार करने के लिए पंचायती राज विभाग ने विधि परामर्सी आर के भूरिया और बी.डी. कृपलानी को जिम्मेदारी दी है। पूरे प्रदेश में इस प्रक्रिया के लिए उपायुक्त प्रेम सिंह चारण को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
यह भी तय किया गया है कि जिन मामलों में पंचायत स्वयं सीधे सेवा देने में सक्षम नहीं हों तो आमजन के लिए सुविधा प्रदाता का काम भी करेंगी। जन्म-मृत्यु, भूमि संबंधी एवं अन्य प्रमाणपत्र जारी करना, मनरेगा जॉब कार्ड, शिक्षा एवं कौशल प्रशिक्षण, संपत्ति स्वामित्व, अपशिष्ट प्रबंधन, पानी कनेक्शन, नए राशन कार्ड, स्कूल- आंगनबाड़ी प्रबंधन जैसे कई कार्य सिटीजन चार्टर के दायरे में आएंगे।