मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के दौरान पूरी मतदान प्रक्रिया को पर्यावरण के अनुकूल (इको-फ्रेंडली) बनाने के लिए भी एक कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके तहत चुनाव के दौरान क्रियान्वित होने वाली विभिन्न गतिविधियों को पर्यावरणीय अनुकूलता के मापदंडों के अनुरूप संपन्न कराया जाएगा।
इको-फ्रेंडली के लिए ये भी होंगे प्रमुख 5 नवाचार
1-इको-फ्रेंडली चुनाव के तहत आवश्यकता होने पर पोस्टर-बैनर आदि की छपाई कागज पर की जाएगी। 2- मतदान दलों के रवानगी केन्द्रों, मतदान और मतगणना केन्द्रों आदि को क्लीन एवं ग्रीन, तथा तम्बाकू-मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाएगा, जिसके तहत यहां बीड़ी-सिगरेट, गुटखा, पान-मसाला आदि के उपयोग पर प्रतिबन्ध रहेगा। 3-मतदान केन्द्र आदि को क्लीन एवं ग्रीन रखने के लिए कचरा प्रबंधन पर फोकस करते हुए यहां गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन का उपयोग होगा। डाक मतपत्रों की गणना के लिए रियूजेबल ट्रे और कंटेनर का उपयोग होगा।
4-मतदान केन्द्रों पर प्लास्टिक-फ्री सेल्फी-पॉइंट तैयार किए जाएंगे और मतदान केन्द्र परिसर में विशेष मतदाताओं, जैसे बुजुर्ग, दिव्यांग, नवमतदाता आदि से पौधारोपण करवाया जाएगा। इन पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी बीएलओ की होगी।
5-पर्यावरण के अनुकूल चुनाव प्रबंधन के तहत उम्मीदवारों और राजनैतिक दलों के साथ भी प्लास्टिक-मुक्त प्रचार सामग्री के उपयोग के लिए समझाइश की जाएगी।
राजस्थान के नवाचार दूसरे राज्यों में भी होंगे लागू
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार राजस्थान में उपचुनाव के दौरान लाइव वेबकास्ट के विस्तार की योजना और पर्यावरण के अनुकूल चुनाव प्रबंधन के लिए सभी सम्बंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। भारत निर्वाचन आयोग को भी इस बारे में रिपोर्ट भेजी गई है। आयोग ने राजस्थान में की जा रही पहलों को अन्य राज्यों में अपनाने के क्रम में इन नवाचारों की कार्ययोजनाएं साझा करने को कहा है निर्वाचन विभाग ने इस विषय में आयोग के साथ विस्तृत जानकारी साझा कर दी है।