scriptSaffron Farming: कश्मीर की वादियों में नहीं, अब जयपुर में हो रही बिना मिट्टी और पानी के केसर की खेती | not in the valley of kashmir now saffron cultivation is happening in Jaipur without soil and water | Patrika News
जयपुर

Saffron Farming: कश्मीर की वादियों में नहीं, अब जयपुर में हो रही बिना मिट्टी और पानी के केसर की खेती

Jaipur News: जयपुर में केसर की खेती…यह सुनने में अजीब तो लगता है। लेकिन इसे अपने जुनून से हकीकत में बदला है सोडाला निवासी मीनाक्षी शर्मा ने।

जयपुरNov 10, 2024 / 09:15 am

Alfiya Khan

Meenakshi Sharma with saffron cultivation in the room of her house
अनुग्रह सोलोमन
जयपुर। जयपुर में केसर की खेती…यह सुनने में अजीब तो लगता है। लेकिन इसे अपने जुनून से हकीकत में बदला है सोडाला निवासी मीनाक्षी शर्मा ने। उन्होंने बिना पानी और बिना मिट्टी के अपने घर में कश्मीर जैसा वातावरण तैयार किया और तीन माह में एक कमरे में ही केसर की खेती कर ली। जिससे अब केसर भी तैयार होने लगा है। इसके लिए कमरे का वातावरण कृत्रिम रूप से कश्मीर जैसा किया गया।
 
मीनाक्षी शर्मा ने इसके लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म से जानकारी जुटाई और कश्मीर से केसर के बीज लेकर आईं। इससे पहले घर के एक कमरे में थर्माकोल की सीट लगाकर कोल्ड रूम के रूप में तैयार किया। इस कोल्ड रूम को पूरी तरह से बंद किया, शुद्ध हवा के लिए सिर्फ एक विंडो रखी। इसके साथ ही 2 टन की एक एसी लगाया।
Saffron Farming
कमरे में अलग-अलग लकड़ी की ट्रे लगाई गई। केसर के बीजों को इस लकड़ी की ट्रे में रख दिया और कमरे को दो महीने तक बंद कर दिया। बीज को दो माह तक अंधेरे में रखा। इस दौरान कमरे का तापमान दिन में 10 डिग्री और रात को 6 डिग्री रखा गया। मीनाक्षी ने बताया कि 200 किलो केसर के बीज लाकर इस कोल्ड रूम में लगाए। कमरे को कृत्रिम रूप से कश्मीर के जैसा वातावरण दिया।
Saffron Farming

अगस्त में बीज लगाए, नवंबर में केसर तैयार

अगस्त माह में उन्होंने बीज लगाए। अक्टूबर में इन बीजों में कलियां आना शुरू हो गई। इस दौरान रोजाना 15 मिनट के लिए कमरे में शुद्ध हवा जाने के लिए विंडो को खोला गया। अब इसी माह इन कलियों में फूल आ गए और उनमें से केसर निकलना शुरू हो गया। अब इस केसर को एकत्र कर सुखाना शुरू कर दिया है।
Saffron Farming

घर का केसर ही लेंगे काम

मीनाक्षी बताती है कि ऑनलाइन प्लेटफार्म पर सर्च किया तो पता चला कि भारत में बहुत कम केसर होता है और वह सब भी बाहर एक्सपोर्ट हो जाता है। इसे देख केसर की खेती करने की ठानी और उसमें सफलता भी मिल गई। अब वे घर में तैयार किया हुआ केसर ही काम में लेंगे। इस काम में उनके पति ने भी साथ दिया।

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