जिन भर्तियों में परीक्षा हो चुकी या परिणाम जारी हो चुका, उनमें एमबीसी को पांच प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संबंधित विभाग वित्त विभाग से 4 प्रतिशत अतिरिक्त पद सृजित कराएंगे। भर्ती में अन्य श्रेणी के अभ्यर्थियों को संभावित नुकसान को टालने के लिए ऐसा किया जाएगा।
आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ उन प्रक्रियाधीन भर्तियों में मिलेगा, जिनमें अभी किसी भी स्तर की परीक्षा आयोजित नहीं हुई है। एमबीसी को भी इन भर्तियों में 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा।
जिन भर्तियों में परीक्षा आयोजित नहीं हुई है, उनमें सरकार ने फिर से आवेदन मांगेगी। संशोधित पदों की अभ्यर्थना फिर से लोकसेवा आयोग या चयन बोर्ड को भेजी जाएगी। 40 हजार से अधिक भर्तियों पर असर
सरकार के इस फैसले से फिलहाल प्रदेश में लम्बित 40 हजार से अधिक पदों वाली भर्तियों पर असर रहेगा। आरक्षण मसले को लेकर एलडीसी 2018, हैड मास्टर, प्रयोगशाला सहायक, विद्युत हैल्पर, पशुधन सहायक, पीटीआइ जैसी बड़ी संख्या में पदों वाली भर्तियां अटकी पड़ी थीं। अब इनका रास्ता खुलेगा लेकिन संशोधित अभ्यर्थना से अभी और विलम्ब होगा। पुस्तकालय अध्यक्ष, फार्मासिस्ट, स्टेनोग्राफर भर्तियों में करीब तीन हजार पदों के लिए अभी परीक्षा नही हुई है। ऐसे में इनमें फिर से आवेदन मांगे जाएंगे।