फिलहाल सभी की नज़रें इन सीटों के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा पर टिकी हुई हैं। कौन सी पार्टी किसपर भरोसा जताते हुए उसे ‘जिताऊ’ उम्मीदवार मानकर चुनाव मैदान में उतारती है ये देखना दिलचस्प रहेगा। दोनों ही सीटें राजनीतिक दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है। गौरतलब है कि मंडावा सीट नरेंद्र खीचड़ ( Narendra Khichar ) और खींवसर सीट हनुमान बेनीवाल ( Hanuman Beniwal ) के सांसद बनाने के बाद खाली हुई हैं।
लॉबिंग में जुटे दावेदार
उपचुनाव तारीख के ऐलान के बाद दावेदारों ने प्रमुख राजनीतिक दलों से टिकिट लेने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए ये संभावित उम्मीदवार पार्टियों के सीनियर नेताओं से लॉबिंग करने में लगे हुए हैं।
हनुमान बेनीवाल के छोटे भाई चर्चा में
दो सीटों पर हो रहे उप चुनाव में मंडावा से ज़्यादा ‘हॉट’ सीट खींवसर की बनी हुई है। उप-चुनाव जीतकर विधायक बनने की मंशा से कई नेता यहां से अपना भाग्य आज़माने की जुगत में हैं। इस बीच हनुमान बेनीवाल के छोटे भाई नारायण बेनीवाल ( Narayan Beniwal ) भी अचानक से सक्रिय दिखाई देने लगे हैं। स्थानीय हलकों में भी नारायण बेनीवाल को उम्मीदवार बनाये जाने को लेकर चर्चाएं हैं।
नारायण बेनीवाल फिलहाल खींवसर क्षेत्र के क्रय-विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष हैं। बताया जाता है कि बड़े भाई हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने के बाद से ही वे क्षेत्र में अचानक सक्रिय हो गए। अब जब उपचुनाव की घोषणा हो गई तब ये सक्रियता और बढ़ गई है।
विधायक बनने की मिल रही अग्रिम बधाइयां
उपचुनाव की घोषणा होने के बाद से नारायण बेनीवाल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी एक्टिव हो गए हैं। हर दिन वे नई-नई पोस्ट डालकर जनता से जुड़ने की कवायद में लगे हुए हैं। इधर, उनके समर्थक और जानकार उन्हें खींवसर से विधायक बनने की अग्रिम बधाइयां तक देने लग गए हैं।
खींवसर से आरएलपी ही लड़ेगी चुनाव: हनुमान बेनीवाल
आरएलपी के राष्ट्रीय संयोजक एवं सांसद हनुमान बेनीवाल ने पत्रिका टीवी से बातचीत में बताया कि उपचुनाव को लेकर उनकी पहले ही भाजपा नेताओं से बात हो चुकी है। राजस्थान की मंडावा सीट पर भाजपा और खींवसर सीट पर आरएलपी चुनाव लड़ेगी। हालांकि अंतिम निर्णय भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद लिया जाएगा।
उधर, भाजपा का एक धड़ा इस बात पर अड़ा हुआ है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जब आरएलपी के लिए पूरी सीट छोड़ दी तो अब खींवसर में आरएलपी को भाजपा के लिए सीट छोडऩी चाहिए।
इधर, बसपा विधायकों को मिलाकर प्रदेश में मजबूत हो चुकी कांग्रेस की ओर से खींवसर में प्रत्याशी कौन होगा, इसकी अभी अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सबसे ऊपर पूर्व केबिनेट मंत्री हरेन्द्र मिर्धा का नाम चल रहा है। यह भी जानकारी मिली है कि हरेन्द्र मिर्धा पिछले काफी दिनों से कुचेरा में डेरा जमाए हुए हैं और हाल ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट से मिल चुके हैं।