ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि मौना पंचमी पर व्रत रखकर शिव और नाग की पूजा की जाती है। मौना पंचमी पर मौन रखकर व्रत किया जाता है पर यह अनुष्ठान कुछ क्षेत्रों में नाग देवता की पूजा से जुड़ा है। देवघर शिव मंदिर बाबा बैद्यनाथ धाम में इस दिन विशेष पूजा पाठ की जाती है। पंचमी तिथि के देवता शेषनाग हैं इसलिए मौना पंचमी के दिन भोलेनाथ के साथ-साथ शेषनाग की पूजा भी की जाती है।
खिर और घोरजोर को सांप देवताओं को अर्पित किया जाता है। पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार सर्प देवताओं या नागाओं को सूखी सब्जियां और फल जैसे आम और कटहल भी दिए जाते हैं। कुछ लोग नीम की पत्तियों के साथ-साथ नींबू, आम के बीज और अनार भी चबाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह शरीर से जहर निकालने में मदद करता है। कुछ महिलाएं इस दिन से 15 दिन तक व्रत रखती हैं और हर दिन नाग देवता की पूजा करती हैं।