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विदेशी तेलों में भारी मंदी
चतर ने कहा कि सरकार द्वारा खाने के तेलों में मंदी के प्रयास किए जाने से पिछले दो सप्ताह में सरसों सीड में 600 रुपए प्रति क्विंटल निकल गए हैं। राजस्थान एवं देश की मंडियों में पिछले एक माह से सरसों की आवक बढ़ने तथा विदेशी तेलों में भारी मंदी आने से सरसों तेल में भी करीब 13 रुपए प्रति किलो की नरमी आई है। समर्थन पाकर सरसों खल प्लांट के भाव भी 250 रुपए नीचे आकर 2450 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गए हैं।
चतर के अनुसार देश में अब तक 74 लाख टन सरसों की आवक मंडियों में हो चुकी है। तथा 31 अगस्त तक 67 लाख टन सरसों की पेराई हो गई है। त्योहारी मांग के बावजूद देश के बाजारों में खाने के तेलों के दाम टूटने लगे हैं। पिछले दिनों विदेशी बाजारों में भी खाने के तेलों की कीमतों में गिरावट आई थी। इसका असर अब तेल की खुदरा कीमतों पर दिखना शुरू हो गया है। ध्यान रहे पिछले माह सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर विदेशी तेलों की कीमतों में आई गिरावट का लाभ जनता तक पहुंचाने के निर्देश दिए थे। सरकार की कोशिश है कि खुदरा बाजार में भी खाने के तेलों की कीमतों में गिरावट आए। गौरतलब है कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा पाम ऑयल आयात करने वाला देश है। राजस्थान सहित देश की मंडियों में लगभग ढाई लाख बोरी सरसों सीड प्रतिदिन उतर रही है।