राज्य में बड़ी संख्या में लोगों के जनाधार कार्ड आवेदन महीनों से लम्बित हैं। अकेले जयपुर जिले में ही 7 लाख से अधिक आवेदन लम्बित हैं। जिले में अभी तक जनाधार कार्ड के लिए कुल 14,61,973 आवेदन किए गए लेकिन 6,98,258 कार्ड ही छपकर आए हैं। बाकी लोग कार्ड की बाट ही जोह रहे हैं।
स्थिति यह है कि जो कार्ड छप गए, वे भी जनता तक नहीं पहुंचे हैं। इन कार्ड का वितरण ही नहीं हो पा रहा है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से 6,98,258 कार्ड ही छपकर आए हैं। इनमें से भी 5,65,906 कार्ड ही बांटे जा सके हैं। करीब सवा लाख कार्ड आवेदकों को नहीं मिले हैं। जिला प्रशासन के अनुसार जयपुर शहर में परिसीमन के कारण वार्ड नंबर बदल गए। इस कारण कार्ड लोगों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
जिले में जनाधार कार्ड के लिए पिछले 7 दिन में 7 हजार नए आवेदन आए हैं। वहीं 1700 से अधिक आवेदन परिवारों के आए हैं। बड़ा सवाल
जब पुराने आवेदकों के कार्ड ही महीनों से नहीं बन पाए हैं तो नए आवेदकों के कार्ड बनकर कब आएंगे?
जनाधार कार्ड के तहत सामाजिक, आर्थिक सूचनाओं का डेटाबेस तैयार कर प्रत्येक परिवार को एक नंबर, एक कार्ड, एक पहचान के लिए दस अंकों का नंबर जारी किया जाता है। किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए जनाधार कार्ड होना जरूरी है। यह कार्ड भामाशाह कार्ड, राशन कार्ड की जगह लेगा।
– केस-01: रामगढ़ मोड़ निवासी देवकी हरवानी ने पिछली 10 जनवरी को ई-मित्र के माध्यम से आवेदन किया मगर कार्ड अब तक नहीं आया।
– केस-02: रामगढ़ मोड निवासी सीमा वशिष्ठ ने पिछले साल 29 मई को आवेदन किया था। सीमा ई-मित्र के कई चक्कर लगा चुकी हैं लेकिन कार्ड नहीं आया है।
– केस-04: जयसिंहपुरा खोर निवासी प्रीति सोनी ने भी पिछले साल 17 मई को आवेदन किया मगर कार्ड बनकर नहीं आया।