राजस्थान में सामान्य समय 15 जून से 1 जुलाई के बीच में मानसून आने की परिस्थितियां बन रही हैं। प्रदेश में मानसून का काफी बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। प्रदेश का ज्यादातर हिस्सा सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर है। लोगों को पेयजल को लेकर भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जून में बारिश पर अल-नीनो का प्रभाव पड़ सकता है। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि अल-नीनो का संबंध प्रशांत महासागर के पानी के गर्म होने से जुड़ा है और इसका मानसून पर असर पड़ता है। मानसून में देरी का सीजन में होने वाली बारिश के बीच कोई सह-संबंध नहीं है।
वैसे मानसून में देरी का सीजन में कुल हुई बारिश से कोई संबंध नहीं है। यह जरूरी नहीं कि मानसून के दस्तक देने में देरी से सीजन में बारिश भी कम होगी। 2014, 2015, 2016 में मानसून लेट आया था, लेकिन इस दौरान बारिश सामान्य ही रही थी। हालांकि, मानसून के आने में हुई देरी से देश के दूसरे हिस्सों में भी वह लेट पहुंचेगा।
2014———5 जून———–88 प्रतिशत
2015———6 जून———–86 प्रतिशत
2016———8 जून———–97 प्रतिशत
2017———30 मई———–95 प्रतिशत
2018———29 मई———–91 प्रतिशत ये खबरें भी जरूर पढ़ें राजस्थान में झमाझम बारिश का इंतजार कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी जनता के लिए खुशखबरी, अब फ्री में मिलेगी ये सर्विस, जानिए आपका कितना पैसा बचेगा