गौरतलब है कि कोरोना के कारण 7 मई को लॉकडाउन लग गया था। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने बसों का संचालन बंद कर दिया गया था। इसके बाद रोडवेज ने राज्य सरकार के निर्देश पर निशुल्क मोक्ष कलश यात्रा के लिए रोडवेज बसों का संचालन किया गया था, लेकिन उत्तर प्रदेश में बसों के प्रवेश की अनुमति नहीं मिलने से रोडवेज की निशुल्क मोक्ष कलश बस सेवा हरिद्वार नहीं जा पा रही हैं। रोडवेज ने पहली लहर के दौरान 13 हजार मोक्षकलश और 25 हजार से ज्यादा लोगों को नि:शुल्क भेजा था।
भाजपा नेता चलावा रहे बस
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बसों को भले ही उत्तराखंड सरकार अनुमति नहीं दे रही है लेकिन पिछले दिनों राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के दो नेताओं ने निजी बस से हरिद्वार तक अस्थि कलश भिजवाने में सफल रहे। इसमें भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां हैं जिन्होंने जालसू से अस्थि कलश की बस भिजवाई और चौमूं विधायक रामलाल शर्मा हैं,जिन्होंने मोक्षकलश के लिए बस भिजवाई।
यूपी बिना नहीं जा सकते हरिद्धार
उत्तरप्रदेश सरकार ने हरियाणा और उत्तराखंड में अपने यहां आने जाने की अनुमति दे दी लेकिन राजस्थान को नहीं दी है। यही कारण है कि यह मोक्ष कलश विसर्जन रूक गया है। दरअसल राजस्थान रोडवेज को उत्तराखंड ने तो अनुमति दे दी लेकिन यूपी ने नहीं दी और राजस्थान रोडवेज की बसें बिना उत्तर प्रदेश हुए हरिद्धार और सोरोजी नहीं पहुंच सकती है।
दोहरा रवैया सही नहीं
आरएसआरटीसी ऑफिसर्स एसोसिएशन महामंत्री सुधीर भाटी का कहना है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री की मोक्ष कलश योजना में मोक्ष कलश के साथ परिवार के दो व्यक्तियों को हरिद्वार और सौरोजी यात्रा की निःशुल्क सुविधा दी गई हैं लेकिन रोडवेज को उत्तरप्रदेश सरकार हठधर्मिता अपनाए हुए है। उत्तराखंड से बसे आ रही हैं लेकिन राजस्थान से बसें नहीं जा पा रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार का यह दोहरा पैमाना सही नहीं है। निजी बसें इसी का राजस्थान में फायदा उठा रही हैं और उत्तर प्रदेश में अनाधिकृत रूप से धड़ल्ले से चल रही हैं।