नहीं लग पाती लगाम
चिकित्सा विभाग के हर त्योहारी सीजन में अभियान के बावजूद मिलावटखोरों पर रोक नहीं लग पा रही है। त्योहारों पर सबसे ज्यादा मिलावट मावे और मिठाइयों में मिल रही है। शहर में चिथवाड़ी, चौमूं की फैक्ट्रियों से आने वाले मावे के 15-20 फीसदी सैम्पल मानकों पर खरे नहीं उतरे। इसके बावजूद शहर में रोजाना करीब 10 हजार किलो मावा एक हजार से अधिक दुकानों पर रोजाना सप्लाई हो रहा है। जानकारी के अनुसार शहर में सबसे ज्यादा मिलावटी मावा इन्हीं फैक्ट्रियों से आ रहा है। जानकारी होने के बावजूद विभाग मिलावटी मावे पर लगाम नहीं लगा पा रहा।
खाद्य सुरक्षा एक्ट के अनुसार सैम्पल असुरक्षित मिलने पर मामला सीजेएम कोर्ट में जाता है। ऐसे मामले में 6 महीने से आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। वहीं सैम्पल अमानक मिलने पर मामला एडीएम कोर्ट में जाता है। जिसमें अधिकतम तीन लाख के जुर्माने का प्रावधान है।