प्रदेश में तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा सीटें ऐसी है जहां पर कांग्रेस के मौजूदा उम्रदराज विधायकों ने पार्टी नेताओं को भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर उन्हें टिकट नहीं दिया जाता है तो फिर उनकी जगह उनके बेटे-बेटी या अन्य परिजनों को टिकट दिया जाए। विधायकों के स्पष्ट संदेश के बाद अब पार्टी के शीर्ष नेता भी पेशोपेश में है कि मौजूदा विधायकों को ही चुनाव मैदान में उतर जाए या फिर उनकी जगह उनके बेटे-बेटियों पर दांव खेला जाए। हालांकि पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी भी साफ कर दिया है कि अगर नेताओं के बेटे-बेटियों के नाम मजबूती से सर्वे में सामने आते हैं तो उन्हें टिकट देने से कोई दिक्कत नहीं है।
यह विधायक जता चुके हैं चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा
कोटा उत्तर से विधायक और मंत्री शांति धारीवाल और श्रीमाधोपुर से दीपेंद्र सिंह शेखावत और खंडेला से निर्दलीय विधायक महादेव सिंह खंडेला भी अपने बेटों के लिए कांग्रेस का टिकट मांग रहे हैं। इन विधायकों की शर्त यही है कि अगर उनके परिवार में टिकट दिया जाता है तो वे चुनाव मैदान से हटाने को तैयार हैं।
विधानसभा सीट———- विधायक————-उत्तराधिकारी
श्रीमाधोपुर—————दीपेंद्र सिंह————– बालेन्दु सिंह-(पुत्र)
शिव——————–अमीन खां———————–शेर मोहम्मद-(पुत्र)
कोटा उत्तर————शांति धारीवाल—————अमित धारीवाल- (पुत्र)
करणपुर————-गुरमीत सिंह कुन्नर—————- रुपन्दर सिंह कुन्नर(पुत्र)
खंडेला————— महादेव सिंह खंडेला—————- गिरिराज सिंह (पुत्र)
धोद——————परसराम मोरदिया——————– महेश मोरदिया-(पुत्र)
बगरू—————–गंगादेवी——————————रवि-(पुत्र)
खेतड़ी—————जितेंद्र सिंह—————————–सोनिया सिंह ( पुत्री)
कठूमर————–बाबूलाल बैरवा———————– अवधेश बैरवा- (पुत्र)
गुढ़ामलानी———–हेमाराम चौधरी———————– सुनिता चौधरी-पुत्री
लालसोट———परसादी लाल मीणा———————- कमल मीणा- (पुत्र)
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