ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि देवी पुराण के अनुसार प्रात:काल में द्विस्वभाव लग्न में घट स्थापना करना श्रेष्ठ रहता है। शनिवार सुबह 8.52 बजे से 10.19 बजे तक मीन लग्न का द्विस्वभाव रहेगा, इस समय घट स्थापना करना श्रेष्ठ रहेगा। वहीं अभिजित मुहूर्त भी दोपहर 12.19 से 1.02 बजे तक रहेगा, इसमें भी घट स्थापना की जाएगी।
शक्ति की साधना
ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में शक्ति की साधना की जाती है। विक्रम् संवत् के अनुसार साल में चार बार नवरात्र आते है। चैत्र और शारदीय नवरात्र के अलावा दो गुप्त नवरात्र आते है। पंचांग के अनुसार पहला गुप्त नवरात्र माघ माह और दूसर आषाढ़ माह में आता है। गुप्त नवरात्र के दौरान देवी के मां कालिके, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी देवी, भुनेश्वरी देवी, मां धूम्रावती, बगलामुखी माता, मातंगी माता और देवी कमला की पूजा की जाती है। मंत्र जाप, श्री दुर्गा सप्तशती, हवन से देवी साधना करते हैं।
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गुप्त नवरात्र के शुभ संयोग
दिन — योग — समय
11 फरवरी — त्रिपुष्कर योग — शाम 05:39 से रात्रि 09:10 बजे तक
12 फरवरी — रवि योग दिन — दोपहर 02:57 बजे से शुरू
13 फरवरी — सर्वार्थसिद्धि योग — सुबह 07:09 से दोपहर 12:35 बजे तक, रवियोग दोपहर 12:35 बजे तक
14 फरवरी — कुमार योग — प्रात: 10:53 से अगले दिन प्रात: 07:08 बजे तक, रवियोग प्रात: 10:43 बजे से शुरू
15 फरवरी — सर्वार्थसिद्धि योग — प्रात: 07:08 से प्रात: 09:26 बजे तक, रवियोग प्रात: 09:26 तक
16 फरवरी — राज योग — सूर्योदय से प्रात: 08:47 बजे तक
17 फरवरी — सर्वार्थसिद्धि योग व अमृतसिद्धि योग — प्रात: 08:46 से अगले दिन प्रात: 07:05 बजे तक, रवि योग 08:46 बजे से शुरू
18 फरवरी — रवि योग सम्पूर्ण दिन—रात