बीते दो दशक से राज्य की राजनीति अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के इर्द-गिर्द घूमती रही है। दोनों नेताओं की उम्र 65 साल से पार हो चुकी है और अब वह उनकी सियासी विरासत को आगे बढ़ते देखना चाहते हैं। इसके लिए लोकसभा चुनाव को माकूल मौका माना जा रहा है। दुष्यंत तीन बार सांसद रह चुके हैं और झालावाड़, बारां और धौलपुर की राजनीति में उनका खासा दखल है। जहां इस चुनाव के बाद दुष्यंत का प्रभाव प्रदेश में देखने को मिलेगा, अब वहीं वैभव संगठन में काम करते रहे हैं और चुनाव मैदान में बाजी मारकर वह प्रदेश में अपनी स्वीकार्यता बढ़ाने की कोशिश में हैं। यह चुनाव दोनों ही नेता पुत्रों के साथ सूबे की राजनीति के हस्तांतरण तय करने वाला साबित हो सकता है।
दुष्यंत सिंह
45 साल के दुष्यंत सिंह वर्तमान में राजस्थान के सबसे वरिष्ठ सांसद है। वह झालावाड़-बारां से लगातार जीत रहे हैं। साथ ही चार विधानसभा, जिला परिषद, नगर पालिका और पंचायत के चुनावों में झालावाड़, बारां और धौलपुर जिलों में भाजपा की बागडोर संभाल चुके हैं।
वैभव गहलोत
39 वर्षीय वैभव गहलोत की राजनीति में सक्रियता को करीब 13 वर्ष बीत चुके हैं। हालांकि वह अब तक चुनाव नहीं लड़े हैं। उनके चुनाव लडऩे को कई बार अटकलें लगाई जा चुकी हैं। इस बार खुद उनके पिता अशोक गहलोत ने उनके चुनाव लडऩे की मंशा जाहिर की है। वैभव अब तक संगठन में काम करते रहे हैं।