जयपुर शहर की लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने पहले सुनील शर्मा को प्रत्याशी घोषित किया था। लेकिन इस घोषणा के बाद से ही उनके नाम को लेकर राजनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया तक में एक विवाद सुर्ख़ियों में बन आया। विवाद इतना ज़्यादा तूल पकड़ने लगा कि घोषित प्रत्याशी सुनील शर्मा की सहमति के बाद आलाकमान को प्रत्याशी बदलना पड़ गया।
जयपुर शहर सीट पर घोषित प्रत्याशी सुनील शर्मा के नाम पर विवाद के बाद कांग्रेस आलाकमान ने इस टिकट पर बदलाव करते हुए पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे प्रताप सिंह खाचरियावास को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया। इस तरह से खाचरियावास को अचानक से लोकसभा चुनाव लड़ने का मौक़ा मिल गया।
लोकसभा चुनाव का टिकट बैठे-बिठाए मिलने की बात खुद प्रत्याशी घोषित हुए प्रताप सिंह खाचरियावास ने कही है। एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने मुझे बिना मांगे ही टिकट दे दिया है। लेकिन पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने का काम अब मेरा है।’अब चर्चा में RLP सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल, जानें क्या है वजह?
प्रत्याशी घोषित होने के फ़ौरन बाद प्रताप सिंह खाचरियावास एक्टिव मोड पर आ गए हैं। उन्होंने सबसे पहली मुलाक़ात जयपुर शहर से पूर्व सांसद डॉ महेश जोशी से की। खाचरियावास जोशी के घर पहुंचे और होली की रामा-श्यामा के साथ-साथ चुनावी रणनीति पर भी चर्चा की।
खाचरियावास ने अपनी एक प्रतिक्रिया में प्रतिद्वंद्वी दल भाजपा को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, ‘कौरवों को भी लगा था कि उनका युद्ध अकेले अर्जुन के साथ है। लेकिन अर्जुन का रथ स्वयं भगवान श्री कृष्ण चला रहे थे। उसी प्रकार भाजपा वाले भी सोचते हैं खाचरियावास अकेला है, लेकिन मेरे साथ मेरा श्याम है।
जयपुर शहर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास के लिए बतौर प्रत्याशी ये पहला लोकसभा चुनाव है। इससे पहले वे 2008 से 2013 तक और 2018 से 2023 तक दो बार विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक रह चुके हैं।