आ रही हैं हमारी खुशियां
जब से सूडान में युद्ध शुरू यहां पूरे परिवार की सांसे धड़क रही थी। हर पल खतरे का आभास हो रहा था। पूरे परिवार चिन्ता में कि अपनों की वापसी कब तक होगी। लेकिन रविवार शाम को जैसे ही फोन आया तो पूरे परिवार में दीवाली सी खुशियां आ गई। सूडान में फंसे शेखावाटी के लोगों की वतन वापसी की तैयारी तेज होने के साथ परिजनों में काफी खुशी है।
सऊदी अरब के लिए रवाना
परिजनों ने बताया कि रविवार देर रात इनको सूडान से सऊदी अरब के लिए रवाना किया गया है। यहां से इनको विशेष विमान से भारत लाया जाएगा। इस मामले में पिछले दिनों सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती को पिछले दिनों ग्रामीणों ने अपनों की वतन वापसी की गुहार लगाई थी। सांसद ने इस मामले में विदेश मंत्री को पत्र लिखकर पीडि़तों की वतन वापसी कराने के लिए विशेष अभियान शुरू करने के संबंध में पत्र लिखा था।
ये भी फंसे
सीकर के रूपेश शर्मा, रिकेंश शर्मा, गजानंद शर्मा, रघुवीर शर्मा भी सूडान में फंसे हुए थे। रविवार शाम को इन्होंने परिजनों को फोन कर जल्द घर आने की बात कही। धोद इलाके के सिंगरावट निवासी राजेन्द्र पीपलवा ने बताया कि चारों कई साल से सूडान में अकाउंटेट का काम करते है। पिछले दिनों वहां असामान्य परिस्थिति की वजह से वह फंस गए।
वर्चस्व की जंग में जल रहा सूडान
सूडान में गृहयुद्ध हो रहा है। 15 अप्रैल से सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच जारी है। इसमें अब तक 400 लोगों की मौत हो गई है। जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। सूडान में सेना प्रमुख जनरल अब्देल फत्ताह अल बुरहान और आरएसएफ के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान दगालो के बीच वर्चस्व की जंग जारी है।
सभी स्टील कंपनी में कार्यरत
सूडान में फंसे राजस्थानियों को सुरक्षित राजस्थान लाने के लिए राज्य सरकार सक्रिय हो गई है। इसका जिम्मा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव को दिया है। राजस्थान के 40 लोग सूडान में फंसे बताए ला रहे हैं। श्रीवास्ताव ने बताया कि राज्य के जिला कलक्टरों को सूडान में फंसे लोगों की सूची जिलेवार भेजने के निर्देश दिए गए हैं। विदेश मंत्रालय के संपर्क हैं।
सूडान में फंसे शेखावाटी के लोग
सूडान में फंसे लोगों में सीकर, झुंझुनूं, चूरू और नागौर के लोग भी हैं। यहां जिला प्रशासन ने परिवार जनों से फंसे लोगों की जानकारी जुटाई है। सूडान में फंसे एक पीडि़त के सीकर निवासी रिश्तेदार श्यामसुंदर शर्मा ने पत्रिका को बताया कि उनके भांजे गजानंद शर्मा, रघुवीर शर्मा, रूपेश शर्मा, रिंकेश और रणजीत सूडान में स्टील कंपनी में कार्य करते हैं। उनके साथ अन्य राजस्थानी भी हैं। सूडान में हालात खराब होने के बाद उनको पोर्ट सूडान भेजा जा रहाहै, जहां से उन्हें भारत लाया जाएगा।