यह छूट 300 से 750 रुपए तक है। इसमें 300 यूनिट से ज्यादा बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ता भी शामिल हैं, जिन्हें स्लेबवार बिल में छूट दी जाएगी। ऊर्जा विभाग और डिस्कॉम्स अधिकारी यह साफ नहीं कर पाए कि पूर्ण छूट के अलावा बाकी उपभोक्ताओं की अनुदान गणना बदलेगी या फिर वही रहेगी। नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही यह सब्सिडी प्रभावी हो जाएगी।
1. अरबन सेस : शहरी उपभोक्ता से 15 पैसे प्रति यूनिट
2. इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी: सभी उपभोक्ताओं से 40 पैसे प्रति यूनिट
(इसमें सौ यूनिट से ज्यादा खपत वाले उपभोक्ता हैं, फिक्स चार्ज अलग है)
बचत से अलग कनेक्शन तक…
बिजली बचत: कम यूनिट उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं में छूट लेने की होड़ रहेगी। ऐसे में बिजली बचत की तरफ बढ़ने की संभावना बनेगी।
अलग कनेक्शन: जिनका प्रतिमाह बिजली उपभोग 100 यूनिट से ज्यादा है, ऐसे उपभोक्ता अतिरिक्त बिजली कनेक्शन के लिए प्रयास करेंगे। जब अलग कनेक्शन होंगे तो उपभोग यूनिट बंट जाएगी और संभव है कि वे ज्यादा सब्सिडी के दायरे में आ जाएं।
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यों मिलेगी बिजली बिल में राहत
-100 यूनिट तक बिजली बिल पूरी तरह माफ
– 100 से 150 यूनिट तक प्रति यूनिट 3 रुपए अनुदान
– 150 से 300 यूनिट तक प्रति यूनिट सरकार 2 रुपए अनुदान
– सामान्य उपभोक्ता 50 यूनिट तक- 32 लाख
– 51 से 100 यूनिट 14 लाख
– 101 से 150 यूनिट 06 लाख
– 151 से 200 यूनिट 04 लाख
– 201 से 250 यूनिट 02 लाख
– 251 से 300 यूनिट 1.28 लाख
– 300 यूनिट से ज्यादा 2.71 लाख
किस श्रेणी में कितने उपभोक्ता शामिल…
– बीपीएल 16 लाख
– स्मॉल घरेलू 41 लाख
डिस्कॉम्स के लिए चुनौती
भले ही छूट का प्रत्यक्ष रूप से भार डिस्कॉम्स (विद्युत वितरण कंपनियां) पर नहीं पड़े, लेकिन उनके लिए सरकार से नियमित सब्सिडी की रकम लेना चुनौती से कम नहीं होगा। डिस्कॉम्स को अभी ही सरकार से 17 हजार करोड़ रुपए ज्यादा राशि लेनी है। इसलिए नई सब्सिडी राशि लेना आसान नहीं होगा।