यह भी पढें : रामगंज उपद्रव : बूढी मां तीन दिन से बेटे की तलाश में भटक रही थी सुसाइड नोट: जिल्लत से तो मरना अच्छा परिजनों के अनुसार पवन ने मरने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें उसने बताया कि पांच-छह लोग उससे आए दिन तकादा करते हैं। साथ ही उधार चुकाने के लिए दबाव बनाते हुए उसे रोज जलील कर रहे हैं। ऐसे में इस जिल्लत भरी जिंदगी से तो मर जाना ही अच्छा है। हालांकि पुलिस इससे इनकार कर रही है।
यह भी पढें : रामगंज उपद्रव : आखिर तीन दिन तक पुलिस ने क्यों दबाए रखा भरत की मौत का राज अब घर में कमाई वाला कोई नहींपवन घर में कमाने वाला एकमात्र व्यक्ति था। उसके परिवार में पत्नी, पुत्र और पुत्री है। पुत्री की दो माह पहले ही शादी हुई थी। जबकि 20 वर्षीय पुत्र अभी पढ़ाई कर रहा है। उधर, स्वर्णकार व्यापार मंडल समिति झोटवाड़ा के अध्यक्ष बिहारी लाल सोनी ने बताया कि समिति परिवार को न्याय दिलाएगी। पवन जिन लोगों से रकम मांगता था उनसे जल्द वसूल कर पीडि़त परिवार को दिलाएंगे।
यह भी पढें : रामगंज उपद्रव : दो घंटे की ढील में बाजार में उमडे लोग, आज भी जारी रहेगा कर्फ्यू औजार ही बना मौत का हथियार पवन की दुकान महाराणा प्रताप स्कूल रोड पर थी लेकिन वह ज्यादातर काम घर पर ही करता था। आभूषण निर्माण के दौरान उपयोग में आने वाला तेजाब घर में ही पड़ा था, जो उसने पी लिया।