हादसे की याद आते ही वह खौफनाक मंजर आंखों के सामने छा जाता है। उल्लखेनीय है कि जयपुर जिले के चंदवाजी पुलिस थाना इलाके में जयपुर-अजमेर बायपास पर बीलपुर के पास वर्ष 2014 में बाइकों से भरे ट्रक और अत्यधिक ज्वलनशील ब्यूटाडाइन गैस से भरे एक टैंकर के बीच टक्कर हो गई थी। हादसा इतना दर्दनाक था कि 12 जनों की मौत हो गई थी। वहीं हादसे के दौरान एक के बाद एक वाहन जलकर कबाड़ में तब्दील हो गए थे।
400 मीटर दूर तक गिरे थे अवशेष
टक्कर के बाद गैस टैंकर में आग लगने के बाद जोरदार धमाका हुआ था। विस्फोट इतना जोरदार था कि कुछ शव और पास में खड़े वाहनों के क्षतिग्रस्त अवशेष घटनास्थल से 400 मीटर दूर तक उछलकर गिरे थे। आग की चपेट में आने से वहां से गुजर रहे वाहन जल गए थे।
जिंदा जल गया था ट्रक चालक
चौमूं इलाके में क्षेत्र में बीते तीन-चार साल की बात की जाए तो अलग-अलग सडक़ दुर्घटनाओं में कई वाहनों में आगजनी की घटनाएं हुई हैं। इनमें से एक ट्रक चालक आग में जिंदा जल गया था। वहीं घटना में बाइक सवार भी आग से जल गया था। बाद में उसकी भी उपचार के दौरान मौत हो गई थी। यहां दिल्ली अजमेर एक्सप्रेस हाईवे पर स्वामियों की ढाणी बस स्टैंड के सामने वर्ष 2019 मई माह में दो ट्रकों की भिड़ंत हो गई थी, जिससे सीमेंट से भरे ट्रेलर ने आग पकड़ ली। हादसे में ट्रेलर का चालक जिंदा जल गया था। संसाधनों की कमी
ग्रामीणों ने बताया कि हाईवे पर वाहनों में आगजनी की घटनाएं बढ़ रही है, लेकिन टोल वसूली के बाद भी हाईवे पर संसाधनों की कमी देखी जा रही है। नेशनल हाईवे पर वाहनों में आगजनी की घटनाएं होती रहती है, लेकिन एनएचआई के पास आग बुझाने के पुता संसाधनों की कमी है। आग बुझाने के लिए जयपुर, चौमूं, शाहपुरा वगैरह से दमकल आती है, तब तक आग बेकाबू हो जाती है।