औद्योगिक जगहों की होगी निगरानी, खुले में पानी छोड़ने वालों के खिलाफ होगी सख्ती
राजस्थान में औद्योगिक जगहों पर उद्योंगों के परिसर से निकलने वाले गंदे पानी को खुले में छोड़ने वाले समूहों पर सख्ती के लिए विजिलेंस स्कवायड विंग सख्ती करेगी।
औद्योगिक जगहों की होगी निगरानी, खुले में छोड़ने वालों के खिलाफ होगी सख्ती
राजस्थान में औद्योगिक जगहों पर उद्योंगों के परिसर से निकलने वाले गंदे पानी को खुले में छोड़ने वाले समूहों पर सख्ती के लिए विजिलेंस स्कवायड विंग सख्ती करेगी। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने निर्धारित मानक पर पानी को ट्रीट नहीं कर सीधा ही ट्रीटमेंट प्लांट में पानी छोड़ने की शिकायतें आए दिन जयपुर के दूरदराज की जगहों, रीको क्षेत्र सहित प्रदेशभर में देखने को मिल रही है। इन फैक्ट्रियों से क्षेत्रानुसार जुर्माना वसूलने के साथ ही अन्य पाबंदी की जाएगी।
400 से ज्यादा उद्योगों की हुई जांच जयपुर क्षेत्रीय अधिकारी विंग मंडल के मुताबिक विजिलेंस टीम फैक्ट्रियों का निरीक्षण कर ट्रीटमेंट संयंत्रों से रंगीन पानी के सैंपल लिए लेगी। शुरूआती चरण में अब तक 400 से ज्यादा उद्योगों की जांच की है। इसमें ज्यादातर उद्योगों में नियमों की अवहेलना की जा रही है। जांच रिपोर्ट में पानी मानक पर नहीं होेने पर फैक्ट्रियों से जुर्माना वसूलने का भी प्रावधान है। कंसेंट टू ऑपरेट भी निरस्त किया जा सकता है। क्षेत्रीय अधिकारियों को विजिलेंस टीम बनाकर निरीक्षण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यह आ रही खामियां बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक बड़े उद्योगों में रंगीन पानी प्राइमरी स्तर पर सही तरीके से ट्रीट नहीं किया जा रहा है। मंडल की तरफ से गठित विजिलेंस टीम लगातार फैक्ट्रियों में जाकर वहां होने वाले प्रोडक्शन पर नजर रख रही है। निरीक्षण के साथ ही वहां स्थापित प्राइमरी ट्रीटमेंट प्लांट के सैंपल भरकर उनको जांच के लिए भिजवाया जा रह है। प्रदेश में सबसे ज्यादा औद्योगिक जगहों में पाली, बालोतरा, जयपुर, जोधपुर, भीलवाड़ा, कोटा, अजमेर, जैसलमेर में सबसे ज्यादा शिकायतें देखने को मिल रही है।
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