कैंपस में मिली इस नाकामी ने उन्हें झकझोर दिया था, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय अपनी मां से मोटिवेशन लिया। उन्होंने कि जब उन्हें प्लेसमैंट में रिजेक्शन मिला, तब उनकी मां ने उन्हें कहा- नियति हमेशा कुछ बड़ा सोच रही होती है।
अक्षत ने ठान लिया कि वह अपने पिता की तरह बिज़नेस करेंगे। पिता ओमप्रकाश चतुर्वेदी का प्लास्टिक ग्रेन्यूल्स का छोटा सा व्यापार था। लेकिन बिज़नेस शुरू करना आसान नहीं था। लंबे समय तक असमंजस में रहने के बाद, कुछ दोस्तों की मदद से उन्हें आईटी इंडस्ट्री में हाथ आजमाने का मौका मिला। और फिर जनवरी 2020 में ब्रेन बॉक्स एप शुरू किया।
शुरुआती दिनों में कोई काम नहीं होता था और फिर एक दिन, अक्षत को उनके पहले बड़े प्रोजेक्ट का ऑर्डर मिला। यह था Musele Delta Therapy, Eagles Flights कंपनी का काम। जिसे पूरी लगन और मेहनत से प्रोजेक्ट पूरा किया। आज उनकी कंपनी 600 से ज्यादा कंपनियों को आईटी सेवाएं प्रदान कर रही है। हाल ही में, राजस्थान इनोवेशन लीडरशिप अवार्ड 2022 में उन्हें बेस्ट इम्पलॉयर अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। यह अवार्ड वर्ल्ड इनोवेशन कांग्रेस द्वारा आयोजित किया गया था।