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जयपुर

जबरन, बहला-फुसलाकर या लालच देकर धर्म बदलवाया तो पीड़ित को 5 लाख मुआवजा

जबरन, बहला-फुसलाकर या लालच देकर धर्मांतरण कराए जाने पर पीड़ित को 5 लाख रुपए तक मुआवजा देना होगा। एक से ज्यादा बार अपराध करने वालों को दो गुना तक सजा हो सकेगी। अवैध रूप से धर्म परिवर्तन रोकने के लिए लाए जा रहे दि राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुलकन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल 2024 में ये प्रावधान शामिल होंगे जिसका प्रारूप कैबिनेट ने मंजूर कर दिया। अवैध रूप से धर्म परिवर्तन में मदद करने वालों को भी सजा के लिहाज से अपराधी माना जाएगा।

जयपुरDec 02, 2024 / 06:31 pm

GAURAV JAIN

-कैबिनेट की मंजूरी : अब विधानसभा में पेश होगा बिल, एक से ज्यादा बार अपराध करने वालों को हो सकेगी दो गुना तक सजा

जयपुर. जबरन, बहला-फुसलाकर या लालच देकर धर्मांतरण कराए जाने पर पीड़ित को 5 लाख रुपए तक मुआवजा देना होगा। एक से ज्यादा बार अपराध करने वालों को दो गुना तक सजा हो सकेगी। अवैध रूप से धर्म परिवर्तन रोकने के लिए लाए जा रहे दि राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुलकन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल 2024 में ये प्रावधान शामिल होंगे जिसका प्रारूप कैबिनेट ने मंजूर कर दिया। अवैध रूप से धर्म परिवर्तन में मदद करने वालों को भी सजा के लिहाज से अपराधी माना जाएगा। विधेयक विधानसभा से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने पर ही कानून बन सकेगा। इसी बीच केन्द्र सरकार के पास 16 साल से अटका राजस्थान धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2008 भी राज्य सरकार ने वापस ले लिया।
इसलिए बना रहे कानून

सरकार का कहना है कई दूसरे राज्यों की तरह राजस्थान में धार्मिक स्वतंत्रता का कानूनी प्रावधान नहीं है। इसलिए यह कानून बनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत दर्ज होने वाले अपराधों को गैर जमानती व संज्ञेय अपराध घोषित किया जाएगा।
लव जिहाद को लगेगा झटका

बहला-फुसलाकर, जबरन या पैसा देकर शादी करने पर फैमिली कोर्ट ऐसी शादी को रद्द कर सकेगा, पीड़ित महिला या नाबालिग हो तो सजा दो से 10 साल तक होगी। इसके अलावा 25 हजार रुपए जुर्माना भी लगेगा। एक से अधिक बार अपराध करने वालों को दो गुना तक सजा होगी।
वैध धर्म परिवर्तन के लिए देनी होगी सूचना

प्रावधान किया जा रहा है कि वैध रूप से धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को कलक्टर को कम से कम 60 दिन पहले सूचना देनी होगी। धर्म परिवर्तन के लिए समारोह की एक माह पूर्व कलक्टर को सूचना देनी होगी। धर्म परिवर्तन किए जाने के बाद भी संबंधित व्यक्ति को 60 दिन के भीतर कलक्टर को शपथ पत्र के जरिए सूचना देनी होगी।
पर्यटन इकाइयों में फिल्म सिटी व स्टार्ट-अप्स जैसे नए विकल्प भी

प्रदेश में पर्यटन इकाइयों को प्रोत्साहित करने के इरादे से पर्यटन नीति 2024 में प्रावधान किया गया है। इसके तहत पर्यटक यूनिट बनाने के लिए शहरी क्षेत्र में भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया 60 दिन में और इतने ही दिन में ही भवन निर्माण प्लान को स्वीकृति करना अनिवार्य होगा। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया 45 दिन में पूरी करनी होगी। पर्यटक इकाई के रूप में फिल्म सिटी और पर्यटन स्टार्ट-अप्स जैसे कई नए विकल्प भी दिए गए हैं।
नई नीति में पर्यटक वाहनों के लिए 22 सीटर या उससे अधिक क्षमता के वातानुकूलित लग्जरी कोच के संचालन पर मोटर वाहन कर में पूरी छूट दी जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहनों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। वहीं, पर्यटन इकाई को रियायती दर पर बार लाइसेंस आबकारी नीति के अनुसार दिया जाएगा।
पर्यटन इकाई की एप्रोच सड़क की चौड़ाई शहरी क्षेत्र में नगरीय विकास और स्वायत्त शासन विभाग के नियमों में अनुसार रखनी होगी। ग्रामीण क्षेत्र में सड़क की चौड़ाई न्यूनतम 30 फीट रखनी होगी।

23613 करोड़ का निवेश प्रस्तावित
राज्य सरकार के पास 31 अक्टूबर 2024 तक निजी निवेश के लिए 1869 पर्यटन यूनिट प्रोजेक्ट अनुमोदित किए गए हैं। इनसे 23613 करोड़ का निवेश और 63 हजार 171 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है।
सरकारी भूमि आवंटित की जा सकेगी

पर्यटन इकाई से जुड़ी या उसके अंदर आने वाली भूमि के क्षेत्रफल विस्तार के लिए उनकी जितनी भूमि होगी उसके 10 प्रतिशत तक राजकीय भूमि कृषि या आवासीय डीएलसी दरों पर एक बार आवंटित की जा सकेगी। पर्यटन एवं हॉस्पिटेलिटी क्षेत्र को औद्योगिक दर्जा मिलने से यूडी टैक्स, बिजली दरें और भवन प्लान शुल्क औद्योगिक दरों पर लागू होंगे। ट्रेड, होटल व रेस्टोरेंट लाइसेंस 10 वर्ष और फायर एनओसी 3 वर्ष के लिए जारी होगी। वहीं 300 वर्ग मीटर से अधिक की हेरिटेज संपत्तियों को फ्री होल्ड पट्टे मिलेंगे।

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