– 3 हिप्पोपोटेमस के बदले एक मेल और दो फीमेल भेडि़ए, एक मेल और दो फीमेल चिंकारा, एक मेल और तीन फीमेल घडिय़ाल मांगे थे कानपुर जूलॉजिकल पार्क प्रशासन ने
– 3 हिप्पोपोटेमस के बदले भेडिय़े का जोड़ा, 1 मेल व ३ फीमेल घडिय़ाल कानपुर पार्क को देने पर सहमति जताई है हमारे चिडिय़ा-घर प्रशासन ने।
– देश के चुनिंदा चिडिय़ाघरों में ही है यह जीव
– यह वन्यजीव संरक्षण एक्ट 1972 के तहत वन्यजीव की श्रेणी में नहीं आता
– इसे लाने के लिए चिडिय़ाघर प्रशासन को सेन्ट्रल जू ऑथॉरिटी से स्वीकृति भी नहीं लेनी पड़ेगी
– 01 मेल और दो फीमेल हिप्पोपोटेमस
– 01 नहीं बल्कि कई प्रजातियों की चिडिय़ा और रेप्टाइल्स
जयपुर चिडिय़ाघर को सेन्ट्रल जू ऑथॉरिटी ने वन्यजीव गोरेल, स्वेम्प डीयर तथा लेडी एमहरस्ट फीसेन्ट पक्षी लाने की स्वीकृति दे दी है।
टाइगर, पैंथर, लॉयन जैसे वन्यजीव नाहरगढ़ में शिफ्ट होने के बावजूद रामनिवास बाग चिडिय़ाघर में पर्यटकों की संख्या नाहरगढ़ से अधिक
500 से 1000 देसी-विदेशी पर्यटक रोजाना पहुंचते हैं चिडिय़ाघर देखने
डेढ़ से दो लाख रुपए के आसपास प्रतिदिन औसत आय हो रही है इससे रोजाना
चिडिय़ाघर में खाली पड़े हैं कई पिंजरे, जिन्हें देख निराश होते हैं पर्यटक