कटीघाटी के पास
बायोलॉजिकल पार्क में यह बनाया जाएगा। गार्डन की करीब 65 हेक्टेयर जमीन है। केंद्र व प्रदेश सरकार चाहती है कि इसका आकार और बड़ा हो। कारण, दिल्ली और जयपुर में बने चिड़ियाघर छोटे हैं। पर्यटकों को ज्यादा आकर्षित नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में अलवर चिड़ियाघर के जरिये राजस्थान में पर्यटक बढ़ाने की योजना है। इसी जमीन के पास 35 हेक्टेयर जमीन वन विभाग ने देखी है। यह सरकारी जमीन है। इसे गार्डन के नाम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नए साल में इस चिड़ियाघर का निर्माण शुरू हो जाएगा।
जू में ये प्रजातियां, वन विभाग करेगा संचालन
अलवर के इस चिड़ियाघर में 150 से ज्यादा जानवरों की प्रजातियां लाने की तैयारी है। इसमें शेर, चीता, टाइगर, गोरिल्ला, भालू, बन्दर, खरगोश, लंगूर, जिराफ आदि शामिल हैं। मगरमच्छ, हिप्पो, कछुआ आदि जलीय जीव भी होंगे। वन विभाग ही इसका संचालन करेगा।
जल्द ही जमीन मिलने की उम्मीद
करीब 100 हेक्टेयर में चिड़ियाघर बनाने की योजना है। इसके लिए 35 हेक्टेयर जमीन की और आवश्यकता है, जो देखी जा रही है। जल्द ही जमीन मिलने की उम्मीद है। उसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। राजेंद्र हुड्डा, डीएफओ, अलवर