दोनों नगर निगमों ने शहर में करीब 995 नालों की सफाई के लिए टेंडर किए, इस पर करीब 5 करोड़ से अधिक खर्च भी किए, लेकिन मानसून आने के बाद भी पूरी तरह नालों की सफाई नहीं हो पाई है। नगर निगम हेरिटेज की बात करें तो गंदी गलियों की सफाई नगर निगम के लिए चुनौती बना हुआ है, जिसको लेकर भाजपा पार्षदों ने कई बार प्रदर्शन भी किया है, इसके बावजूद व्यवस्थाएं सुधरती हुई नजर नहीं आ रही है। नगर निगम ग्रेटर हो या हेरिटेज दोनों ही निगम क्षेत्रों में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह लोग गंदी गलियों की सफाई ना होने की वजह से परेशान है तो कई जगह नालों की सफाई ना होने से लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। राजधानी में मानसून तो मेहरबान हुआ, लेकिन नगर निगम की लापवाही से लोग परेशान हो रहे है। जबकि दोनों निगम प्रशासन का दावा है कि शहर के नालों की सफाई हो चुकी है।
पार्षद कुसुम यादव का कहना है कि नाला सफाई का काम दिखावे के लिए शुरू किया गया, नाला सफाई के नाम पर सिर्फ डाट हटाई गई, जबकि नालों की पूरी तरह से सफाई नहीं की गई, कचरा नहीं हटाया गया। नालों में अभी भी कचरा भरा हुआ है, बारिश के दौरान सड़कें दरिया बन रही है। गंदी गलियों की सफाई भी नहीं हो रही है। बारिश में गलियों का कचरा सड़क पर आ रहा है।